अडाणी समूह ने कहा कि वह किसानों से खाद्यान्न नहीं खरीदता

By भाषा | Updated: December 9, 2020 20:00 IST2020-12-09T20:00:20+5:302020-12-09T20:00:20+5:30

Adani group said that it does not buy food grains from farmers | अडाणी समूह ने कहा कि वह किसानों से खाद्यान्न नहीं खरीदता

अडाणी समूह ने कहा कि वह किसानों से खाद्यान्न नहीं खरीदता

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर कृषि सुधार संबंधी कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शनों में अपना नाम गूंजने के बीच अडाणी समूह ने कहा है कि वह न तो किसानों से खाद्यान्न खरीदती है और न ही खाद्यान्न का मूल्य तय करती है।

बंदरगाह से लेकर ऊर्जा कारोबार से जुड़े इस व्यापार से जुड़ी कंपनी ने कहा कि वह केवल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए अनाज भंडारण के साइलो (बखारे) विकसित करती है और उनका संचालित करती है।

अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में उसने कहा, ‘‘कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण करने में कोई भूमिका नहीं है क्योंकि वह केवल एफसीआई के लिए एक सेवा / बुनियादी ढांचा प्रदाता कंपनी है।’’

एफसीआई किसानों से खाद्यान्न खरीदता है और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्मित साइलो में इन्हें संग्रहीत करता है। निजी कंपनियों को खाद्यान्न भंडार स्थान के निर्माण और भंडारण के लिए शुल्क का भुगतान किया जाता है, लेकिन इन जिंसों के स्वामित्व के साथ-साथ इसके विपणन और वितरण का अधिकार, एफसीआई के पास हैं।

इसने कहा कि एफसीआई, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए खाद्यान्नों की खरीद और उसे एक जगह से दूसरी जगह भेजने के काम को नियंत्रित करता है।

तीन कृषि सुधार विधेयकों (जो अन्य चीजों के अलावा किसानों को अपनी उपज किसी को भी बेचने की आजादी देते हैं) के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन में किसान समूहों द्वारा आरोप लगाया गया कि इन कानूनों को अंबानी और अडानी के पक्ष में लाया गया है।

कुछ कृषक समूहों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह खाद्यान्न की जमाखोरी के लिए अनाज भंडारण सुविधाओं का निर्माण कर रहा है और बाद में उन्हें अधिक कीमत पर बेचा जाता है।

कंपनी ने कहा, ‘‘हम किसानों से खरीदे गए किसी भी अनाज के मालिक नहीं हैं, और अनाज के मूल्य निर्धारण में हमारी कोई भूमिका नहीं हैं।’’

अदानी समूह ने कहा कि वह वर्ष 2005 से एफसीआई के लिए अनाज के साइलो विकसित करने और उसका परिचालन करने के व्यवसाय में है। यह भारत सरकार द्वारा प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी निविदा जीतने के बाद भंडारण बुनियादी ढांचे की स्थापना करता है।

बयान में कहा गया है कि निजी रेल लाइनों को इन निविदाओं के हिस्से के रूप में बनाया गया है, जिससे पूरे भारत में वितरण केंद्रों में अनाज की आवाजाही को आसान बनाया जा सके।

कंपनी ने कहा कि एफसीआई, देश में भंडारण और परिवहन बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए ऐसे अनुबंध प्रदान करती है ताकि खाद्यान्न को सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जा सके और पीडीएस प्रणाली को गुणवत्ता वाले सामान की आपूर्ति की जा सके।

अडाणी समूह ने कहा, '' इस समय मुद्दों को, किसी पर कीचड़ उछालने के लिए इस्तेमाल करना, एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का न केवल एक स्पष्ट प्रयास है, बल्कि जनता के नजरिये को भी दिग्भ्रमित और उनकी भावना को आहत करता है। ''

एफसीआई ने निजी निवेशकों के साथ मिलकर दो से चार साल के लिए खाद्यान्न के लिए नवीनतम धूमन और संरक्षण तकनीकों से लैस उच्च तकनीक वाले साइलो बनाये हैं और इन्हें इसे पूरे भारत में विशेष ट्रेनों के माध्यम से थोक में भेजने के लिए भेजा जाता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Adani group said that it does not buy food grains from farmers

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे