नई दिल्ली: बुधवार को एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें पता चला है कि 40 फीसदी भारतीय कर्मचारी अगले 6 महीने तक नौकरी छोड़ सकते हैं। इसका कारण यह माना गया है कार्यालय में उन्हें उचित तकनीक वाले उपकरण नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं।
सॉफ्टवेयर प्रमुख एडोब के अनुसार, अधिकारी (93 फीसदी) और कर्मचारियों (87 फीसदी) का मानना है कि खराब प्रौद्योगिकी के कारण कंपनियों की उत्पादकता भी कम हो गई है। भारत में अधिकांश कर्मचारियों का मानना है कि प्रोद्योगिकी बहुत हद तक उन्हें आने वाले किसी कंपनी के ऑफर पर निर्भर करती है। वहीं, बहुत लोगों का कहना है कि यह काफी संजीदा (34 फीसदी) है और (50 फीसदी) पहली प्राथमिकता पर रहता है।
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की बात आती है तो 98 फीसदी भारतीय श्रमिकों ने कहा कि जेनरेटिव एआई सहायक और चमत्कारी है, जबकि 94 फीसदी ने ऑटेमेशन के बारे में यही बात कही। जबकि, अच्छा जानकारी रखने वाले बहुत से कर्मचारियों (88 फीसदी) और अधिकारी (94 फीसदी) मानते हैं कि उनकी कंपनियों को जेनरेटिव एआई का लाभ उठाना चाहिए, लेकिन इसमें से 6 फीसदी अभी भई झिझक रहे हैं। इसके अलावा ये भी देखा गया है कि इनका उपयोग करने में सुरक्षा कारणों से कंपनियां इन्हें नहीं चुन रही है और अधिकारियों की इसके प्रति विपरीत रवैया, व्यापक समझ की कमी भी इसके आड़े आ रही है।
एडोब इंडिया में डिजिटल मीडिया बिजनेस के वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख गिरीश बालाचंद्रन ने कहा, "काम पर ऑटोमेशन और एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि उनमें पारंपरिक कार्य में तेजी लाकर क्रांति लाने की शक्ति है।" उचित तैयारी के साथ, संगठन आगे बढ़ सकते हैं। एक ऐसा भविष्य जहां उत्पादकता वास्तव में बढ़ेगी, प्रत्येक कर्मचारियों के लिए अच्छा रहेगा।"
भारतीय आईटी प्रमुख कंपनी इंफोसिस 500 कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के बारे में विचार कर रही है। यह बात तब सामने आ रही है जब कंपनी ने यूरोपीय देश बुल्गारिया में अपना ऑफिस में विस्तार दिया है।
यूबीसॉफ्ट असैसिन्स क्रीड और फार क्राई के लिए मशहूर फ्रांसीसी वीडियो गेम कंपनी ने कॉर्पोरेट पुनर्गठन के बीच लगभग 124 कर्मचारियों की छंटनी कर दी।
इसके साथ ही रिपोर्ट की मानें तो 94 फीसदी कर्मचारी मानते हैं कि अब उनकी कंपनियों को एआई का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, 56 फीसदी कंपनी ऐसा कर भी रही है। यह रिपोर्ट निदेशक या उनसे वरिष्ठ पदों पर कार्यरत 626 अधिकारियों और 1,385 कर्मचारियों पर सर्वे से सामने आई है।