2nd Global Spiritual Tourism Conclave Mantic: ग्लोबल टूरिज्म का सेंटर उज्जैन, सीएम मोहन यादव ने कहा- हमारे देवालय भी हो सकते हैं लोकतंत्र आधार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 27, 2025 16:48 IST2025-08-27T16:47:07+5:302025-08-27T16:48:20+5:30

2nd Global Spiritual Tourism Conclave रूह Mantic: उज्जैन में आयोजित हुआ द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन 'रूह Mantic'

2nd Global Spiritual Tourism Conclave ruh Mantic Ujjain centre global tourism CM Mohan Yadav said Our temples also basis democracy | 2nd Global Spiritual Tourism Conclave Mantic: ग्लोबल टूरिज्म का सेंटर उज्जैन, सीएम मोहन यादव ने कहा- हमारे देवालय भी हो सकते हैं लोकतंत्र आधार

photo-lokmat

Highlightsआत्म चिंतन के लिए भारत से अच्छा दुनिया में कोई स्थान नहीं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के धार्मिक पर्यटन को गति दी.केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा- मध्य प्रदेश हार्ट ऑफ इंक्रेडिबल इंडिया.

उज्जैनः धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से 27 अगस्त का दिन मध्यप्रदेश के लिए बेहद खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 27 अगस्त को उज्जैन में द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन 'रूह Mantic' का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सरकार-प्रशासन से लेकर संतों ने प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को लेकर गंभीर मंथन किया। इस मंथन में यह बात निकल कर आई कि वह दिन दूर नहीं, जब उज्जैन वैश्विक पर्यटन का केंद्र होगा। कार्यक्रम को सीएम डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों और इस्कॉन प्रमुख ने भी संबोधित किया।  कार्यक्रम में तिरुपति ट्रस्ट, शिरडी साईंबाबा ट्रस्ट, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन काल की नगरी है। आज का काल भारत का है। दुनिया में जो भारत से प्रतियोगिता कर रहे हैं, वे आज अपने आप को कमजोर मान रहे हैं। उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने अनेक कलाएं और विद्या ग्रहण कीं। आत्म चिंतन के लिए भारत से अच्छा दुनिया में कोई स्थान नहीं है।

आज देशों की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन धर्म और संस्कृति की कोई सीमा नहीं हैं। भारतीय संस्कृति ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक फैली है। उज्जैन में 1000 बीघा जमीन पर बाबा महाकाल का मंदिर बना हुआ है। आनंदपुर धाम में निरंकारी भाव से गुरु महाराज की भक्ति की जा रही है। ईश्वर ने हमें प्रकृति के साथ मिलकर चलने की सीख दी है।

भगवान की भक्ति के साथ शरीर की क्षमताओं का उपयोग करें। पर्यटन के साथ तीर्थाटन के माध्यम से जनकल्याण की कल्पना इस आयोजन के माध्यम से की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में आध्यात्मिक पर्यटन को गति प्रदान करने की दृष्टि दी है। देवी अहिल्या बाई ने काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनाया।

उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने 2000 साल पहले मंदिर बनवाया था, जो बाबर के काल में गिरा दिया गया था। देश का पुराना संसद भवन मुरैना के मंदिर और नया भवन विदिशा के बीजापुर मंदिर के डिजाइन पर बना है, ये हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे देवालय भी लोकतंत्र का आधार हो सकते हैं।

उज्जैन में लगातार बढ़ रहा पर्यटन

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज पूरा विश्व प्रथम पूज्य श्रीगणेश की आराधना में लीन है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया है। विश्व में अनेक संस्कृतियों का जन्म हुआ, लेकिन भारतीय संस्कृति आज भी जीवंत है। हमारी संस्कृति ने 2000 साल तक आक्रमण झेला, 200 साल की गुलामी झेली, लेकिन आज भारतीय संस्कृति समृद्ध है।

आज से ढाई हजार साल पहले दुनिया में जब मानव अपना वजूद खोज रहा था, तब भारत में तीर्थाटन की परंपरा थी। आदि शंकराचार्य ने केरल से पर्सिया तक 24 हजार किलोमीटर की यात्रा कर भारतीय संस्कृति से दुनिया का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि देश में ब्रिटिश काल में लेखकों ने भारतीय ऐसिहासिक वैभव की अपने तरीके से व्याख्या की। लेकिन, आज भारत एक भारत है।

इसका उदाहरण प्रयागराज महाकुंभ है। जहां हर मत, पंत संप्रदाय के लोग एक मंच पर आए और विश्व शांति का संदेश दिया। सैकड़ों साल पहले जब इंफ्रास्ट्रक्चर इतना डेवलप नहीं था, तब भी लोग केदारनाथ और बद्रीनाथ तीर्थाटन के लिए जाते थे। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।

पहले जितने लोग साल भर में आते थे, उतने अब एक से डेढ़ हफ्ते में आ जाते हैं। देश में 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। भारत में पिछले साल 250 करोड़ लोगों ने डोमेस्टिक ट्रैवल किया है। यह संख्या 20 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाली है। आज हर स्तर की पर्यटन संभावनाएं विकसित करने के लिए राज्यों के बीच गला काट प्रतियोगिता चल रही है।

मध्यप्रदेश हार्ट ऑफ इंक्रेडिबल इंडिया है। मध्य प्रदेश के पास टूरिज्म सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। भारत के पास दुनिया की सबसे प्राचीन परंपरा और विरासत है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि देश में घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

आज देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण से गुजर रहा है। भारतवासियों का देश के प्रति नजरिया बदल गया है। हमारे देशवासियों ने अपनी परंपरा और संस्कृति पर गर्व करना शुरू कर दिया है। भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महाकाल की सबसे ज्यादा सेवा का अवसर मिला है।

वेदांत और अद्वैत के दर्शन से परिचित होंगे पर्यटक

प्रमुख सचिव, संस्कृति शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि कोविड काल के बाद मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में 11 करोड़, वर्ष 2024 में 13 करोड़ पर्यटक पहुंचे। प्रदेश में पर्यटन 20 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से विकास कर रहा है। प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों में उज्जैन सबसे ऊपर है, जहां पिछले साल 7 करोड़ लोगों ने दर्शन किए।

महाकाल लोक के निर्माण से पर्यटन को नई ऊंचाई मिली है। दूसरे स्थान पर मैहर, फिर अमरकंटक रहा है। सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए हर संभव सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 109 फीट की मूर्ति स्थापित की गई है। यहां विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ने 2200 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की है।

यहां वेदांत और अद्वैत के दर्शन से पर्यटकों को परिचय कराया जाएगा। उज्जैन के पास जनापाव को भी विकसित किया जा रहा है। जबलपुर में रानी दुर्गावती से जुड़े स्थल और उन्य महापुरुषों को विरासत को संरक्षित किया जा रहा है। अमरकंटक में नर्मदा मैया के तटों को विकसित किया जा रहा है। मध्य प्रदेश से अयोध्या और वाराणसी सहित अन्य धार्मिक स्थलों तक स्पेशल रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं।

धार्मिक पर्यटन ही थी भारत की पहचान

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पाराशर ने कहा कि पिछले एक साल में भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ लोग पहुंचे। अयोध्या राम मंदिर में 13.5 लोगों ने दर्शन किए। काशी विश्वनाथ में भी भक्तों की संख्या बढ़ी है। उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियां चल रही हैं।

यहां नए ब्रिज, रोड और घाट तैयार किए जा रहे हैं। भविष्य में उज्जैन धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनेगा। पीएचडी-सीसीआई के अध्यक्ष डॉ. रंजीत मेहता ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में उज्जैन में स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित करना बड़ी बात है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहा है।

पूरी दुनिया में उज्जैन की एक अलग पहचान है। हमारी संस्था राज्य सरकार के साथ पर्यटन की सभी संभावनाओं पर कार्य करने के लिए तैयार है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स मध्य प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि भारत देश प्राचीन समय में स्पिरिचुअल टूरिज्म से ही पहचाना जाता था। हमें इसे दोबारा जागृत करना है।

प्रदेश में उज्जैन और ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग विद्मान हैं। सिंहस्थ के आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए कार्य करेंगे। इस्कॉन उज्जैन के प्रमुख ने कहा कि तीर्थों का विकास करने से पर्यटकों की आध्यात्मिक यात्रा शुरू होती है। दुनिया में कई शहर विशेष उद्देश्य से विकसित किए गए हैं।

जैसे अमेरिका में लास बेगास, भारत में मुंबई, सूरत और उज्जैन। उज्जैन अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया में शीर्ष 10 शहर हैं, जो धार्मिक पर्यटन के लिए पहचान रखते हैं। भारत के 4 शहर- प्रयागराज (20 करोड़ सैलानी प्रति वर्ष), अयोध्या (3 करोड़ सैलानी प्रतिवर्ष), तिरुपति (3 से 4 करोड़ सैलानी प्रतिवर्ष) और वाराणसी इसमें शामिल हैं।

हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द उज्जैन इस सूची में शामिल हो जाएगा। राज्य सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय विकसित करने का संकल्प लिया है। भारत की जीडीपी का 2.5 प्रतिशत सिर्फ स्पिरिचुअल टूरिज्म से आता है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है।

Web Title: 2nd Global Spiritual Tourism Conclave ruh Mantic Ujjain centre global tourism CM Mohan Yadav said Our temples also basis democracy

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे