नए साल में महाराष्ट्र को 19,142 और ओडिशा को 1,526.21 करोड़ रुपये का तोहफा, नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे को मंजूरी, यात्रा का समय 31 घंटे से कम होकर 17 घंटे?, यात्रा की दूरी 201 किमी कम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 31, 2025 18:46 IST2025-12-31T18:44:41+5:302025-12-31T18:46:41+5:30
बुनियादी ढांचा प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय ‘मास्टर प्लान’ सिद्धांत के अंतर्गत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में 19,142 करोड़ रुपये की कुल लागत से छह ‘लेन’ वाले नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे के निर्माण को बुधवार को मंजूरी दे दी। आधिकारिक बयान के अनुसार, 374 किलोमीटर लंबी यह परियोजना ‘बनाओ-चलाओ-सौंप दो (बीओटी) टोल मोड’ पर विनिर्मित की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से नासिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शहरों को कुरनूल से जोड़ा जाएगा। यह बुनियादी ढांचा प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय ‘मास्टर प्लान’ सिद्धांत के अंतर्गत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नासिक से अक्कलकोट तक प्रस्तावित नए गलियारे को वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से, नासिक में एनएच-60 (अदेगांव) के जंक्शन पर आगरा-मुंबई गलियारे से और पांगरी (नासिक के पास) में समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाना है। बयान में कहा गया कि प्रस्तावित गलियारा पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधा संपर्क प्रदान करेगा।
चेन्नई बंदरगाह की ओर से, चेन्नई से तिरुवल्लूर, रेनिगुंटा, कडप्पा और कुरनूल होते हुए हासपुर (महाराष्ट्र सीमा) तक चार-‘लेन’ वाले गलियारे का निर्माण कार्य पहले से ही प्रगति पर है। यह 700 किलोमीटर लंबा होगा। प्रस्तावित छह ‘लेन’ वाले इस नए गलियारे का प्राथमिक उद्देश्य यात्रा दक्षता में सुधार करना है। इससे यात्रा का समय 31 घंटे से कम होकर 17 घंटे रह जाएगा।
साथ ही यात्रा की दूरी 201 किलोमीटर कम होने की उम्मीद है। नासिक-अक्कलकोट (सोलापुर) संपर्क सुविधा से कोप्पार्थी और ओरवाकल के प्रमुख राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) केंद्रों से आने-जाने वाले माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा। छह ‘लेन’ का यह प्रवेश-नियंत्रित नए गलियारे पर 60 किमी/घंटे की औसत से वाहन गति चल पाएंगे।
जबकि इसको तैयार 100 किमी/घंटे की गति के लिए किया गया है। बयान में कहा गया, इससे कुल यात्रा समय 31 घंटे से घटकर लगभग 17 घंटे हो जाएगा। साथ ही यात्रियों और मालवाहक वाहनों दोनों के लिए सुरक्षित, तेज और निर्बाध संपर्क उपलब्ध होगा।
इस परियोजना से लगभग 251.06 लाख मानव श्रम दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 313.83 लाख मानव श्रम दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। इस परियोजना से प्रस्तावित गलियारे के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा में राजमार्ग को चौड़ा करने की परियोजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ओडिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-326 को चौड़ा करने और उन्नत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस परियोजना के तहत मौजूदा दो-लेन वाले राजमार्ग को ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) माध्यम से 68.600 किलोमीटर से बढ़ाकर 311.700 किलोमीटर का दो-लेन वाला राजमार्ग बनाया जाएगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस परियोजना की कुल लागत 1,526.21 करोड़ रुपये है। बयान में कहा गया कि एनएच-326 के उन्नयन और चौड़ीकरण से यात्रा तेज, सुरक्षित और आसान हो जाएगी, जिससे दक्षिण ओड़िशा का समग्र विकास होगा। इसका विशेष लाभ गजपति, रायगड़ा और कोरापुट जिलों को मिलेगा।
बयान के मुताबिक, बेहतर सड़क संपर्क से स्थानीय समुदायों, उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और पर्यटन स्थलों को सीधे लाभ मिलेगा। इससे बाजारों, स्वास्थ्य सेवाओं एवं रोजगार के अवसरों तक पहुंच बेहतर होगी और क्षेत्र के सामान्य और समावेशी विकास में मदद मिलेगी।