दस लाख रुपये से अधिक कीमत वाले हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते और स्पोर्ट्सवियर पर 1 प्रतिशत टीसीएस?, क्या होता है टीसीएस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 23, 2025 16:32 IST2025-04-23T16:31:53+5:302025-04-23T16:32:30+5:30
लक्जरी (विलासिता वाली) वस्तुओं के लिए टीसीएस प्रावधान वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से जुलाई, 2024 में प्रस्तुत बजट के भाग के रूप में पेश किया गया था।

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नई दिल्लीः दस लाख रुपये से अधिक कीमत वाले हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते और स्पोर्ट्सवियर (खेल-कूद के पहनने वाले उत्पाद) जैसे लक्जरी सामान पर अब एक प्रतिशत ‘स्रोत पर कर संग्रह’ (टीसीएस) लगेगा। आयकर विभाग ने 22 अप्रैल, 2025 से 10 लाख रुपये से अधिक की विशिष्ट लक्जरी वस्तुओं की बिक्री पर एक प्रतिशत की दर से टीसीएस की प्रयोज्यता को अधिसूचित किया है। लक्जरी (विलासिता वाली) वस्तुओं के लिए टीसीएस प्रावधान वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से जुलाई, 2024 में प्रस्तुत बजट के भाग के रूप में पेश किया गया था।
टीसीएस एकत्र करने का दायित्व विक्रेता पर होगा, जो अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ी, कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग, मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं, संग्रहणीय वस्तुएं जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेसिंग या पोलो के लिए घोड़े आदि के संबंध में होगा।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाले विवेकाधीन व्यय की निगरानी बढ़ाने और लक्जरी सामान खंड में ऑडिट को मजबूत करने की सरकार की मंशा बताती है। यह अधिसूचना कर आधार का विस्तार करने तथा अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य को दर्शाती है।