बॉलीवुड एक्टर ने दिल्ली हिंसा की तुलना गुजरात दंगो से की, कहा- ये 2002 के दंगों की एक झलक थी...
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 2, 2020 11:02 AM2020-03-02T11:02:32+5:302020-03-02T11:02:32+5:30
यशपाल शर्मा ने दिल्ली हिंसा के लिए सीएए को पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा ही है। सबसे पहले यशपाल ने बिना किसी फिल्म का नाम लिए राजनीतिक बायोपिक्स की जमकर आलोचना की है।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा में 46 लोगों की मौत हो गई है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए है। कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। हिंसा में भारी संख्या में घरों को घरों और वाहनों का नुकसान भी हुआ है। शनिवार (29 फरवरी) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंसा पीड़ितों को राहत पहुंचाने के कार्यों की समीक्षा की और पीड़ितों को फौरी तौर पर 25 हजार रुपये मदद की घोषणा की। इस हिंसा के बाद बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स अपनी प्रतिक्रिया पेश कर रहे हैं। अब इस पर एक्टर यशपाल शर्मा ने भी रिएक्ट किया है।
यशपाल शर्मा ने दिल्ली हिंसा के लिए सीएए को पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा ही है। सबसे पहले यशपाल ने बिना किसी फिल्म का नाम लिए राजनीतिक बायोपिक्स की जमकर आलोचना की है। एनआई को दिए साक्षात्कार में एक्टर ने कहा है कि जिस दिन भी आपको लगता है कि आप किसी को खुश करने करने के लिए फिल्म बना रहे हैं, आप मर चुके हैं।
आप प्रधानमंत्री या गृहमंत्री खुश कर देते हैं, ऐसे अगर कोई फिल्म बनाते हो जो वैसी ही सोच के साथ बनाते हैं तो फिर तो ऐसी क्रियेटिविटी बेकार है। इसके बाद एक्टर ने सीएए को लेकर सवाल किया गया कि आप इसको सपोर्ट करते हैं कि तो एक्टर ने कहा कि मैं इसको बिल्कुल सपोर्ट नहीं करता।
एक्टर ने कहा है कि मैं 100 फीसदी नहीं बोलता हूं क्योंकि मुझे एनआरसी बगैराह की पूरी जानकारी नहीं है। लेकिन मैं इसके खिलाफ हूं क्योंकि बेकाम उसमें पूरे देश को उलाझाकर रख दिया गया है। इतना ही नहीं डर सा पैदा कर रहे हैं। लाइनो में लगने का काम, कागज ढूंढने का काम...बेरोजगार हैं तो ये थोड़े काम हुआ, काम तो रोजगार दो तभी होगा।
दिल्ली हिंसा पर बात करते हुए एक्टर ने कहा है कि दोनों तरफ से गलत हुआ है, लेकिन जहां तक मैंने देखा है उसमें गलती बयानबाजियों की है। कपिल मिश्रा और एक दो लोग हैं जिन्होंने गलत बयान दिए हैं। एन वक्त पर जानबूझ कर उकसाया कि ट्रंप आया हुआ है। अब अंदर की बात क्या है।
एक्टर ने 2002 में गुजरात में नरसंहार के साथ दिल्ली में हिंसा के प्रकोप की तुलना की। दंगों का निर्माण करने के लिए पत्थरों से लदे ट्रक पहुंचे। ‘जय श्री राम और अल्लाहु अकबर के नारे लगाए गए। यह गुजरात में 2002 के दंगों की एक झलक थी। पुलिस केवल दर्शकों के रूप में खड़ी है।