वहीदा रहमान को दिया जाएगा दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार, अनुराग ठाकुर ने की घोषणा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 26, 2023 02:22 PM2023-09-26T14:22:59+5:302023-09-26T14:31:03+5:30
प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, साहेब बीवी और गुलाम, गाइड और खामोशी जैसी शानदार फिल्मों में काम कर चुकीं भारतीय फिल्मों की एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया जाएगा।
नई दिल्ली : वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बात की घोषणा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को की।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अनुराग ठाकुर ने लिखा कि मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान की अनुभूति हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि वहीदा जी को हिंदी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए समीक्षकों द्वारा सराहा गया है। ठाकुर ने वहीदा रहमान की प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, साहेब बीवी और गुलाम, गाइड और खामोशी जैसी कई फिल्मों का जिक्र भी किया।
अनुराग ठाकुर ने आगे लिखा, "अपने 5 दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने (वहीदा रहमान) अपनी भूमिकाओं को बेहद खूबसूरती से निभाया है, जिसके कारण उन्हें फिल्म 'रेशमा और शेरा' में एक कुलवधू की भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित वहीदा जी ने एक भारतीय नारी के समर्पण, प्रतिबद्धता और ताकत का उदाहरण दिया है जो अपनी कड़ी मेहनत से पेशेवर उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर को हासिल कर सकती है।"
कौन हैं वहीदा रहमान
वहीदा रहमान भारतीय फिल्मों की एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री हैं। उनका जन्म 3 फरवरी 1938 को परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था। वहीदा रहमान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तेलुगु सिनेमा से की थी। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक फिल्म सीआईडी से मिला। इस फिल्म में उन्होंने नकारात्मक भूमिका अदा की थी। फिल्म में वहीदा के साथ गुरु दत्त नजर आये थे। बाद में गुरुदत्त और वहीदा ने मिलकर कई फिल्मों में काम किया जिनमे प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चाँद, साहिब-बीवी और गुलाम शामिल है। उन्हें 1965 में फिल्म 'गाइड' के फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया। अपने करियर की दूसरी पारी में वह फिल्म वाटर, रंग दे बसंती, दिल्ली 6 जैसी फिल्मों में नजर आयीं।
कौन हैं दादा साहब फाल्के
दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है। दादासाहेब फाल्के ने साल 1913 में राजा हरिशचंद्र के नाम से भारत की पहली फीचर फिल्म बनाई थी। मौजूदा महाराष्ट्र के ट्रिंबक में जन्मे दादासाहेब फाल्के का वास्तविक नाम धुंडिराज गोविंद फाल्के था। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 में हुआ था। उनके पिता गोविंद सदाशिव फाल्के संस्कृत के विद्धान और मंदिर में पुजारी थे। उन्होंने 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं। वह न सिर्फ निर्माता-निर्देशक बल्कि स्क्रीन राइटर भी थे।
दादा साहेब ने 16 फरवरी 1944 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। भारत में सिनेमा की शुरुआत करने के लिए उनके सम्मान में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया जाता है। साल 1969 में इसकी शुरुआत हुई थी।