Tu Meri Poori Kahani: हिरण्या-अर्हान की जोड़ी और डेब्यू डायरेक्टर सुहृता दास के साथ ‘तू मेरी पूरी कहानी’, महेश भट्ट का नया दांव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 26, 2025 14:36 IST2025-09-26T14:34:50+5:302025-09-26T14:36:16+5:30
Tu Meri Poori Kahani: कहानी कई बार भारी लग सकती है, लेकिन उसकी सच्चाई और जज़्बात उसे बाँधकर रखते हैं।

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Tu Meri Poori Kahani: तू मेरी पूरी कहानी असल मायनों में एक भावनात्मक सफ़र है। कहानी अनिका (हिरण्या ओझा) और रोहन (अर्हन पटेल) की है, दो सपने देखने वाले युवा, जिनकी दुनिया बिल्कुल अलग है लेकिन दिल की धड़कनें एक जैसी। अनिका बाग़ी है, पिता (तिग्मांशु धूलिया) की सख़्ती और समाज की अपेक्षाओं से जूझती हुई लड़की। दूसरी ओर रोहन एक सबवे सिंगर है, जिसकी आवाज़ में दर्द और जादू दोनों हैं। दोनों की मुलाक़ात ही फिल्म का दिल है, और वहीं से सफ़र शुरू होता है मोहब्बत, जुदाई और शोहरत की ओर।
फिल्म की प्रस्तुति सहज और प्रवाहमयी है। निर्देशक सुहृता दास ने रिश्तों की कशमकश और सपनों की कीमत को बड़ी बारीकी से बुना है। हर सीन में एक ईमानदारी है जो दर्शक को छूती है। कहानी कई बार भारी लग सकती है, लेकिन उसकी सच्चाई और जज़्बात उसे बाँधकर रखते हैं।
अभिनय
हिरण्या ओझा (अनिका): डेब्यू फिल्म के बावजूद ग़ज़ब की परिपक्वता। उन्होंने अपने किरदार की बग़ावत, टूटन और जुनून को बख़ूबी जिया। अर्हन पटेल (रोहन): उनकी मासूमियत और संवेदनशीलता मन मोह लेती है। खासकर वे दृश्य जहाँ वे अपने पिता की बीमारी से जूझते हैं, दिल को छू जाते हैं। शम्मी दुहान (राज): खलनायक के रूप में दमदार। उनकी एंट्री और जुनूनभरी आंखें दर्शकों पर असर छोड़ती हैं।तिग्मांशु धूलिया और जूही बब्बर: छोटे रोल में भी बड़ी गहराई लाते हैं। धूलिया का ग़ुस्सैल पिता और जूही का ममतामयी मां का किरदार कहानी को जमीनी बनाता है।
निर्देशन
सुहृता दास का निर्देशन फिल्म की आत्मा है। यह उनकी पहली फिल्म है, लेकिन उन्होंने यह साबित किया है कि वे रिश्तों और जज़्बात की नाज़ुक डोरियों को संभाल सकती हैं। उनके निर्देशन में भट्ट कैंप की झलक है, लेकिन साथ ही एक नई पीढ़ी की संवेदनशीलता भी है। क्लाइमैक्स की भावनात्मक ताक़त और कई दृश्यों की बारीकी उनके हुनर को दिखाती है।
संगीत
अनु मलिक का संगीत इस फिल्म की धड़कन है। टाइटल ट्रैक “तू मेरी पूरी कहानी”: दिल में उतर जाने वाला गीत। “ये इश्क़ है”: कहानी को और गहराई देता है। लंबे समय बाद अनु मलिक का संगीत फिर यह एहसास कराता है कि असली धुनें सिर्फ कानों के लिए नहीं, दिल के लिए होती हैं।
तकनीकी पक्ष
सिनेमाटोग्राफी भावनाओं को पकड़ने में शानदार है। क्लोज़-अप शॉट्स किरदारों के दर्द और मोहब्बत को और नज़दीक से दिखाते हैं। एडिटिंग कहीं-कहीं धीमी है, लेकिन यह धीमापन कहानी की परतों को उभारता भी है।
महेश भट्ट का असर
महेश भट्ट और विक्रम भट्ट की छाप साफ दिखती है। टूटे रिश्ते, अधूरी मोहब्बत और सपनों की खींचतान — सब कुछ उसी अंदाज़ में बुना गया है, जिसने भट्ट कैंप को अलग पहचान दी।
निष्कर्ष
तू मेरी पूरी कहानी केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है। यह दिखाती है कि बिना बड़े सितारों के भी, अच्छी कहानी, मजबूत निर्देशन और असरदार संगीत के सहारे दर्शकों को जोड़ा जा सकता है।
⭐ रेटिंग: 3/5
यह फिल्म उन सबके लिए है जो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि दिल छू लेने वाले सिनेमा की तलाश में हैं।
