जब वहीदा रहमान के दूर जाने से नशे के आदि हो गए थे गुरु दत्त, पढ़िए उनकी जिंदगी की कुछ अनसुनी दास्तां
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: July 9, 2019 07:14 AM2019-07-09T07:14:59+5:302019-07-09T07:14:59+5:30
हिंदी सिनेमा के लेजेंड गुरुदत्त का जन्म 9 जुलाई 1925 को बेंगलुरु में हुआ था. उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. गुरु दत्त ने हिंदी सिनेमा में बतौर निर्देशक, डायरेक्टर , कोरियोग्राफर और एक्टर खूब नाम कमाया.
हिंदी सिनेमा के लेजेंड गुरुदत्त का जन्म 9 जुलाई 1925 को बेंगलुरु में हुआ था. उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. गुरु दत्त ने हिंदी सिनेमा में बतौर निर्देशक, डायरेक्टर , कोरियोग्राफर और एक्टर खूब नाम कमाया लेकिन उनकी निजी ज़िन्दगी में खूब उथल पुथल रही. 39 साल की उम्र में गुरु दत्त ने खुदखुशी कर ली थी. आइये आज आपको बताते है गुरु दत्त की ट्रैजिक लाइफ और लव स्टोरी के बारे में.
फिल्म 'बाज़ी' के सेट पर गुरुदत्त साहब की मुलाक़ात उस वक़्त की मशहूर प्लेबैक सिंगर गीता दत्त से हुई. ये मुलाक़ात जल्द ही प्यार में तब्दील हो गई. कुछ समय तक अफेयर में रहने के बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए. दोनों के तीन बच्चे थे.
फिल्म ‘सीआईडी’ के लिए गुरु दत्त को एक फ्रेश चेहरे की तलाश थी. वहीदा रहमान उन दिनों तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम किया करती थीं. एक समारोह में गुरु दत्त की नज़र वहीदा रहमान पर पड़ी जिसके बाद उन्होंने वहीदा को ‘सीआईडी’ के स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया. इस फिल्म के बाद गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच नजदीकिया बढ़ गई.
इसके बाद फिल्म 'प्यासा' के लिए गुरु दत्त ने वहीदा को साइन किया. पहले गुरु दत्त इस फिल्म के लिए दिलीप कुमार को कास्ट करना चाहते थे लेकिन बाद में उन्होंने खुद इस फिल्म में लीड रोल निभाने का फैसला किया. ये फिल्म सुपरहिट हुई. दोनों की ऑनस्क्रीन जोड़ी लोगो को खूब पसंद आई. इतना ही नहीं प्यासा के हिट होने के बाद वहीदा रहमान और गुरुदत्त हर फिल्म में लीड पेयर के तौर पर नज़र आने लगे. दोनों के अफेयर के चर्चे उस वक़्त की सुर्खिया बनने लगी.
जब वहीदा रहमान और गुरु दत्त के अफेयर की बात गीता दत्त तक पहुंची तो उन्होंने गुरुदत्त का घर हमेशा के लिए छोड़ दिया। उस वक़्त वहीदा रहमान एक बड़ी स्टार बन गई थी. वहीदा को लगा की उनकी वजह से गुरुदत्त का परिवार टूटा है जिसके चलते वो हमेशा के लिए गुरु दत्त के जीवन से दूर चली गई. वहीदा और गुरु दत्त ने आखरी बार फिल्म ‘कागज़ के फूल’ में साथ काम किया था. ये फिल्म फ्लॉप हुई.
गीता दत्त, वहीदा रहमान और फिल्मे फ्लॉप होने की वजह से गुरु दत्त डिप्रेशन में चले गए और उन्होंने शराब, सिगरेट और नींद की गोली का सहारा लेना शुरू कर दिया.
कहा जाता है की अपनी ज़िन्दगी के आखरी दिन में भी वो अपनी पत्नी और बच्चों से बात करना चाहते थे. लेकिन नाराज़ गीता दत्त ने उनसे बात नहीं की. वो दिन था 10 October 1964. गुरु दत्त बहुत दुखी हुए. उस दिन उन्होंने खूब शाराब पीकर ढेर सारी नींद की गोलियाँ खाकर मौत को गले लगा लिया।