मीटू अभियान से बॉलीवुड की दिग्गज हस्ती सुभाष घई का नाम जुड़ गया है। इसमें एक महिला ने उन पर बलात्कार के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का सुभाष घई नई ने खंडन किया और कहा है किसी भी युवक को बदनाम करने का फैशन चल गया है। बिना सच्चाई के कहानियां सामने आ रही हैं।
उन्होंने कहा, 'दुख की बात है कि किसी भी युवक को बदनाम करने के लिए एक फैशन बन गया है, बिना सच्चाई या आधे सच के कहानियों को लाया जा रहा है। मैं इन सभी झूठे आरोपों से दृढ़ता से इनकार करता हूं। मैंने हमेशा अपने जीवन और कार्यस्थल पर हर महिला का सम्मान किया है।
सुभाष घई ने कहा, 'हम गरिमा के साथ रहते थे और हमेशा दूसरों की गरिमा का सम्मान करते थे। अगर वह इस तरह से दावा करती है, तो उन्हें कानून की अदालत में जाना चाहिए और साबित करना चाहिए। या तो न्याय होगा या निश्चित तौर पर मैं मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।'बता दें, महिला का आरोप है कि घई ने उसके पेय पदार्थ में नशीला पदार्थ मिला दिया और उसका यौन उत्पीड़न किया। महिला के इस आरोप को गुरुवार (11 अक्टूबर) को निर्देशक ने कड़ाई से प्रतिवाद किया। लेखिका महिमा कुकरेजा ने ट्विटर पर अज्ञात अकाउंट साझा किया जो पिछले महीने कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रथम महिलाओं में से एक है।कुकरेजा ने कहा कि महिला ‘‘काफी विश्वसनीय मीडिया हस्ती है जो अपना नाम उजागर नहीं करना चाहती।’’ महिला ने कहा कि वर्षों पहले उसने घई के साथ एक फिल्म में काम किया और वह उसमें कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगे और स्क्रिप्ट सेशन में वह अक्सर उसे अपने अपार्टमेंट में बुलाते। उसने दावा किया कि एक बार उन्होंने जबरन उसे चूम लिया, लेकिन अगले दिन यह कहकर उसे शांत कराने का प्रयास किया कि यह घटना ‘‘प्रेमियों की लड़ाई’’ है।उसने आरोप लगाए कि देर रात तक चले संगीत सेशन में उन्होंने शराब पी और उसे भी शराब की पेशकश की ‘‘जिसमें नशीला पदार्थ’’ मिलाया हुआ था। महिला ने कहा कि फिर से होटल के कमरे में ले जाया गया जहां अचेतावस्था में उसका यौन शोषण किया गया।