Supreme Court order dogs: हम कितने भावशून्य हो गए, हर दिन निराशाजनक?, सुप्रीम कोर्ट निर्देश को लेकर वीर दास, जाह्नवी कपूर, वरुण धवन, वरुण ग्रोवर और सोनाक्षी सिन्हा दी प्रतिक्रिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2025 13:16 IST2025-08-13T13:15:35+5:302025-08-13T13:16:45+5:30
Sonakshi Sinha slams Supreme Court’s order to remove stray dogs: न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से खासकर बच्चों में रेबीज होने की समस्या "बेहद गंभीर" है।

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मुंबईः बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने दिल्ली-एनसीआर से कुत्तों को किसी दूसरी जगह भेजने से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्देश की आलोचना करते हुए इसे निराशाजनक बताया। सोनाक्षी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “दिन-ब-दिन हम यह दिखा रहे हैं कि एक समाज के रूप में हम कितने भावशून्य हो गए हैं। हर दिन निराशाजनक है।” उन्होंने लिखा, “आवारा कुत्ते कोई समस्या नहीं हैं। वे पीड़ित हैं।
भय, भूख, बीमारी, उपेक्षा, क्रूरता और परित्याग के शिकार। वे बिना आश्रय, बिना टीकाकरण, बिना नसबंदी के रहते हैं। सड़कों पर बच्चों को जन्म देते हैं, और अपने बच्चों को भी इसी तरह के हालात का सामना करते देखते हैं।” उन्होंने कहा कि कुत्तों को भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में भेजने से वे अपनी आजादी खो देंगे। यह पशु कल्याण नहीं है।
आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण ही असली व मानवीय समाधान है। वीर दास, जाह्नवी कपूर, वरुण धवन और वरुण ग्रोवर समेत कई हस्तियों ने इस निर्देश की आलोचना की है। जॉन अब्राहम ने भी उच्चतम न्यायालय और दिल्ली सरकार को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है।
आवारा कुत्तों से जुड़ी याचिका पर गौर किया जाएगा: प्रधान न्यायाधीश
भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने आवारा कुत्तों से संबंधित एक याचिका का उच्चतम न्यायालय में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किए जाने पर बुधवार को आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे। प्रधान न्यायाधीश गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एक वकील ने ‘कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)’ की याचिका का उल्लेख किया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अन्य पीठ आवारा कुत्तों के संबंध में एक आदेश पहले ही पारित कर चुकी है। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के काटने की घटनाओं ने ‘‘बेहद गंभीर’’ स्थिति पैदा कर दी है और उसने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से ‘‘शीघ्र अति शीघ्र’’ स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
वकील ने न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अगुवाई वाली पीठ द्वारा मई 2024 में पारित उस आदेश का बुधवार को हवाला दिया, जिसमें आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित याचिकाओं को संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे।
‘कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया)’ की याचिका में दावा किया गया है कि उस पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 का पालन नहीं किया जा रहा जिसमें आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नियमित बधियाकरण और टीकाकरण कार्यक्रम अनिवार्य किए गए हैं। न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या समय के साथ बढ़ानी होगी।
न्यायालय ने दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे छह से आठ सप्ताह के भीतर लगभग 5,000 कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाएं। पीठ ने चेतावनी भी दी थी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी।