संजीव कुमार जन्मदिन विशेष: बॉलीवुड के 'ठाकुर' जिन्होंने किया बी ग्रेड फिल्मों में भी किया काम, इसीलिए नहीं की थी शादी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 9, 2019 07:15 IST2019-07-09T07:15:14+5:302019-07-09T07:15:14+5:30
अगस्त 1975 में रिलीज रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म शोले रिलीज हुई थी। बता दें कि इस फिल्म में सबसे पहले ठाकुर का रोल का ऑफर दिलीप कुमार को दिया गया था, लेकिन दिलीप कुमार ने इस रोल को करने से मना कर दिया था।

संजीव कुमार जन्मदिन विशेष: बॉलीवुड के 'ठाकुर' जिन्होंने किया बी ग्रेड फिल्मों में भी किया काम, इसीलिए नहीं की थी शादी
हिंदी सिनेमा के 'ठाकुर' यानी संजीव कुमार को लोग आज भी उनके शोले के किरदार के लिए जानते हैं। संजीव कुमार ने इंडस्ट्री में कुछ ऐसे किरदार निभाए जो सिनेमा जगत के इतिहास में दर्ज हैं। दमदार अभिनय करने वाले संजीव कुमार का आज 81वीं जयंती है। 47 वर्ष की अपनी जिंदगी में संजीव कुमार ने बॉलीवुड को ना सिर्फ कई कल्ट फिल्में दी बल्कि कई यादगार किरदार भी दिए। अपने फिल्मी करियर में उन्होंने नायक और खलनाक के किरदार निभाएं। जन्मतिथि विशेष पर संजीव कुमार से जुड़े ऐसे कई दिलचस्प बातें बताएंगे।
असली नाम था हरीभाई जरीवाला
9 जुलाई 1938 को गुजरात के मध्यवर्गी परिवार में जन्मे संजीव कुमार का नाम हरिहर जरीवाला था लेकिन परिवार और सगे संबंधी उन्हें हरीभाई जरीवाला ही कहते थे। बचपन से एक्टिंग की चाहत उन्हें मायानगरी मुंबई खींच लायी।
फ़िल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखने वाले हरीभाई भारतीय फिल्म उद्योग में आकर संजीव कुमार हो गए। अपने जीवन के शुरूआती दौर में पहले वे रंगमंच से जुड़े परन्तु बाद में उन्होंने फ़िल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। इसी दौरान वर्ष 1960 में उन्हें फ़िल्मालय बैनर की फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक फ़िल्मों में अपने शानदार अभिनय से वे एक प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता बने।
बी-ग्रेड की फिल्मों में भी किया काम
फिल्मी करियर में कदम रखने के बाद उन्हें फिल्मों से पहले संघर्षों से गुजरना पड़ा। शुरुआत में फिल्में नहीं मिलती थी मुंबई में रोजमर्जा जिंदगी निर्वहन करने के लिए बी-ग्रेड फिल्मों में भी काम किया। इसके बाद सर्वप्रथम मुख्य अभिनेता के रूप में संजीव कुमार को वर्ष 1965 में प्रदर्शित फ़िल्म निशान में काम करने का मौका मिला। फ़िल्म हम हिन्दुस्तानी के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गये। इस बीच उन्होंने स्मगलर, पति-पत्नी, हुस्न और इश्क, बादल, नौनिहाल और गुनहगार जैसी कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।
ऐसे मिला ठाकुर का रोल
अगस्त 1975 में रिलीज रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म शोले रिलीज हुई थी। बता दें कि इस फिल्म में सबसे पहले ठाकुर का रोल का ऑफर दिलीप कुमार को दिया गया था, लेकिन दिलीप कुमार ने इस रोल को करने से मना कर दिया था। दिलीप कुमार का कहना था कि ठाकुर के रोल में वराइटी नहीं है। बाद में इसी ठाकुर के रोल को संजीव कुमार ने अपने अभिनय से अमर कर दिया।
अंधविश्वास की वजह से नहीं की शादी
उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने शादी कुछ कारणों से नहीं की। संजीव कुमार ने विवाह नहीं किया था लेकिन अफेयर के चर्चे बहुत सुने। बताया जा रहा था कि उनका अफेयर अभिनेत्री हेमा मालिनी से था। शादी को लेकर संजीव कुमार के बारे में कहा जाता है कि अंधविश्वास शादी न करने का सबसे बड़ी वजह थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनके परिवार में बड़े पुत्र के 10 वर्ष का होने पर पिता की मृत्यु हो जाती है। इनके दादा, पिता और भाई सभी के साथ यह हो चुका था। संजीव कुमार ने अपने दिवंगत भाई के बेटे को गोद लिया और उसके दस वर्ष का होने पर उनकी मृत्यु हो गयी!
47 साल की उम्र में मृत्यु
उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुंवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी।