बर्थडे स्पेशल: मंच पर सबके सामने ही रोने लगे थे राहत फतेह अली खान, सुनें दिलकश आवाज के कुछ खास गानें
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: December 9, 2018 08:14 IST2018-12-09T08:14:53+5:302018-12-09T08:14:53+5:30
पाकिस्तान से लेकर हिंदुस्तान तक अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली राहत फतेह अली खान को संगीत विरासत में मिली थी।

फाइल फोटो
अपनी और दिलकश और बेपरवाह अवाज की दम पर बॉलीवुड में सूफी गानों और गजलों के नाम पर गायक राहत फतेह अली खान का नाम भला कौन नहीं जानता। 9 दिसंबर 1974 को पाकिस्तान की जमीं पर पैदा हुए राहत का आज जन्मदिन है।
पाकिस्तान से लेकर हिंदुस्तान तक अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली राहत को संगीत विरासत में मिली थी। राहत के परिवार में पूरी तरह से संगीत का माहौल है। संगीत के क्षेत्र में महान हस्ती नुसरत फतेह अली खान इनके ताया हैं। संगीत की शिक्षा बचपन से ही इन्होंने इन्हीं से ली। संगीत की शिक्षा लेते हुए राहत ने अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस 7 साल की उम्र में दिया। आइए जानते हैं अब तक का सफर
- ऐसे तो पाकिस्तान में राहत का हर कोई दीवाना था लेकिन बॉलीवुड में उन्हें बतौर सिंगर असली पहचान 2003 में मिली। राहत को 2003 में पूजा भट्ट की निर्देशित की गई फिल्म 'पाप' में पहली बार गाने का मौका मिला। फिल्म में इनका गाया हुआ पहला गाना था 'लागी तुझसे मन की लगन' फैंस को खूब पसंद आया।
- वैसे तो हर कोई जानता है कि उन्होंने बॉलीवुड में अपनी खूबसूरत आवाज से हर किसी को दीवाना किया है। लेकिन ये जादू उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में भी फैलाया है। 1995 में इन्होंने अपने उस्ताद नुसरत फतेह अली खान और अपने वालिद के साथ मिलकर फिल्म 'डेड मैन वॉकिंग' का संगीत देने में मदद की थी। इसके बाद 2002 में फिल्म 'फोर फेदर्स' के साउंड ट्रैक पर भी काम किया। 2006 में आई फिल्म 'एपोकैलिप्सो' में भी साउंड ट्रैक में राहत ने आवाज दी
-विवादों ने भी राहत को घेरने में पीछा नहीं छोड़ा। दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर राहत फंसे थे। यहां राहत और उनके ग्रुप को उस समय रोक लिया गया जब उनके पास से क़रीब सवा लाख डॉलर नगद मिले। अउस वक्त उन्होंने अपने पास की विदेशी मुद्रा की जानकारी नहीं दी थी। जांच के बाद दोनों पर 15-15 लाख रुपये का जु्र्माना भी लगाया गया।
- पाकिस्तान के जाने माने गायक नुसरत फतेह अली खान का आज 67वां जन्मदिन पर भजीते राहत फतेह अली खान मंच पर गाते-गाते रोने लगे। नुसरत साहब के चालीसवें के मौके पर राहत इतने ज्यादा भावुक हो गए कि मंच पर ही रोने लगे थे। नुसरत फतेह अली खान की मौत 6 अगस्त 1997 को दिल का दौरा पडने से हुई थी।