एक बार फिर 'पीएम नरेन्द्र मोदी' की रिलीज डेट हुई पोस्टफोन्ड, अब इस तारीख को होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
By मेघना वर्मा | Updated: April 4, 2019 13:17 IST2019-04-04T13:17:42+5:302019-04-04T13:17:42+5:30
मेकर्स की मानें तो अब ये फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज हो सकती है। इसी दिन लोकसभा इलेक्शन की पहली फेज की वोटिंग भी शुरू होने वाली है।

एक बार फिर 'पीएम नरेन्द्र मोदी' की रिलीज डेट हुई पोस्टफोन्ड, अब इस तारीख को होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
पीएम नरेन्द्र मोदी बायोपिक की रिलीज डेट एक बार फिर से पोस्टफोन्ड कर दी गई है। पहले ये फिल्म 5 अप्रैल को रिलीज की जानी थी मगर उच्चतम न्यायालय अब कांग्रेस की उस अपील पर आठ अप्रैल पर सुनवाई करेगा जिसमें इस फिल्म पर रोक लगाने की बात कही गई थी।
न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका पर वह सोमवार को सुनवाई करेगी। तब तक के लिए फिल्म पर रोक लग गई है। लोकसभा का चुनाव सिर पर होने के चलते इस फिल्म को रिलीज करने से रोकने की मांग की जा रही है। याचिकाकर्ता और कांग्रेस प्रवक्ता अमन पंवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दो उच्च न्यायालयों ने विवेक ओबेरॉय अभिनीत फिल्म के प्रदर्शन के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का प्रदर्शन निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव को प्रभावित कर सकता है।
सिंघवी ने कहा कि फिल्म पहले पांच अप्रैल को प्रदर्शित होनी थी, लेकिन गुरुवार को मीडिया में खबर है कि इसे कुछ दिन आगे बढ़ा दिया गया है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने पीएम नरेन्द्र मोदी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया था। वहीं बंबई उच्च न्यायालय ने भी सोमवार को ऐसे ही एक मामले का निपटारा करते हुए कहा था कि इस मसले से निर्वाचन आयोग निपटेगा।
मेकर्स की मानें तो अब ये फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज हो सकती है। इसी दिन लोकसभा इलेक्शन की पहली फेज की वोटिंग भी शुरू होने वाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो इलेक्शन कमिश्न ऑफ इंडिया की ओर से कहा जा रहा है कि फिल्म में प्रमोशन कंटेट होगा। इसी कारण फिल्म के रिलीज डेट को लेकर काफी वाद-विवाद हो रहा है।
वहीं एक्टर विवेक ओबेरॉय ने बुधवार को इस फिल्म में किसी भी तरह के प्रोपोगेंडा होने से इंकार किया है। विवेक ने कहा, 'फिल्म एक इंस्पिरेशनल कहानी है, इसके लिए किसी ने भी किसी भी तहर की कोई फंडिग नहीं की गई है। इसके लिए प्रॉपर डाक्यूमेंटेशन सबमिट किया गया है। आरोप तो बहुत से लगाए गए हैं मगर किसी के पास किसी भी तरह का सबूत नहीं है।'