फिल्मों को लेकर बोले नसीरुद्दीन शाह- जीवन के इस चरण में मैं अपनी पसंद का काम करना चाहता हूं

By भाषा | Updated: August 5, 2020 17:45 IST2020-08-05T17:43:53+5:302020-08-05T17:45:09+5:30

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि वो अपने मन के अनुसार काम करते हैं लेकिन अब वे ऐसे काम करना चाहते हैं जिनमें उन्हें आनंद मिले।

Naseeruddin Shah says At this stage of my life, I want to do the work of my choice | फिल्मों को लेकर बोले नसीरुद्दीन शाह- जीवन के इस चरण में मैं अपनी पसंद का काम करना चाहता हूं

फिल्मों को लेकर बोले नसीरुद्दीन शाह- जीवन के इस चरण में मैं अपनी पसंद का काम करना चाहता हूं

Highlightsराष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1970 में एफटीआईआई में अध्ययन करने वाले शाह ने 70 और 80 के दशक के दौरान भारतीय सिनेमा में खुद को स्थापित कियाअभिनेता ने कहा कि जब वह फिल्मों में आए थे तो उस समय ‘प्रशिक्षित’ अभिनेताओं के प्रति इंडस्ट्री में एक प्रकार की नाराजगी थी

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि वह सामान्यत: अपने मन के अनुसार काम करते हैं लेकिन अब वे ऐसे काम करना चाहते हैं जिनमें उन्हें आनंद मिले। अभिनेता ने कहा कि नीरज पांडेय की फिल्म ‘अ वेडनसडे’ भी उनकी कुछ यादगार फिल्मों में शामिल है जिसमें उन्होंने अपनी पसंद का काम किया था लेकिन इसके साथ ही फिल्म से जुड़ी कुछ बातों का उन्हें पछतावा भी है। 

उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक जूम साक्षात्कार में कहा,‘‘जीवन के इस स्तर पर, मैं महान किरदार नहीं निभाना चाहता हूं। अब तक मैंने बहुत सारे ऐसे किरदार निभा लिए हैं। मैं उन परियोजनाओं में काम करना चाहता हूं जहां मैं खुद आनंद ले सकूं और जिससे मुझे कुछ सीखने को मिले। मैं किसी फिल्म में पिता का किरदार नहीं निभा सकता चाहे वह फिल्म मेरे किसी करीबी की ही क्यों ना हो।” भारत के सबसे चहेते अभिनेताओं में से एक शाह ने कहा कि 15 साल पहले जब वे छोटे किरदार निभाते थे तबसे अब तक उनके नजरिए में काफी बदलाव आया है।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1970 में फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में अध्ययन करने वाले शाह ने 70 और 80 के दशक के दौरान भारतीय सिनेमा में खुद को स्थापित किया। ‘निशांत’, ‘जाने भी दो यारो’, ‘इजाज़त’, ‘बाजार’, ‘कथा’, ‘मासूम’ और ‘मिर्च मसाला’ जैसी फिल्मों में अपनी बेबाक अदाकारी से छाप छोड़ने के साथ ही उन्होंने ‘हीरो हीरालाल’, ‘कर्मा’, ‘त्रिदेव’, ‘विश्वात्मा’, ‘चमत्कार’ और ‘मोहरा’ जैसी व्यवसायिक फिल्मों में भी काम किया। 

अभिनेता ने कहा कि जब वह फिल्मों में आए थे तो उस समय ‘प्रशिक्षित’ अभिनेताओं के प्रति इंडस्ट्री में एक प्रकार की नाराजगी थी। उन्होंने कहा,“आक्रोश अनुचित नहीं था, क्योंकि इनमें से बहुत सारे तथाकथित प्रशिक्षित अभिनेता अभिनय करने में पूरी तरह अक्षम थे। वे अभिनेता होने और 'मैं जो किरदार निभाना चाहता हूं उसमें ढलना चाहता हूं या चरित्र के नाम से मुझे पुकारा जाए' जैसे बकवास का बोझ लिए घूम रहे थे।” शाह ने युवा अभिनेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे इस तरह के नहीं हैं। उन्होंने कहा,‘ये बच्चे तारीफ के लायक हैं ... पिछले 10 वर्षों में मैंने जो कुछ छोटी फिल्में देखी हैं, वे बहुत प्रभावी हैं। मुझे युवा पीढ़ी से काफी उम्मीदें है।’ 

उन्होंने कहा,“हमारे पास नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजकुमार राव, गुलशन देवैया, आयुष्मान खुराना और कई अन्य शानदार कलाकार हैं, जो सिनेमा के सभी रूपों में सहज हैं। वे मेरी पीढ़ी की तुलना में बहुत अधिक कुशल हैं और मुझे इन लोगों के साथ काम करने का सौभाग्य मिला हैं।मुझे कभी-कभी उनसे और उनकी क्षमताओं से ईर्ष्या होती है।” शाह हाल ही में अभिनेता-निर्देशक आनंद तिवारी की वेब सीरिज ‘बंदिश बैंडिट्स’ में नजर आ रहे हैं जिसका प्रीमियर मंगलवार को अमेजन प्राइम वीडियो पर हुआ।

Web Title: Naseeruddin Shah says At this stage of my life, I want to do the work of my choice

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