नसीरुद्दीन शाह ने बड़े बजट की कुछ फिल्मों को बताया 'अंधराष्ट्रवादी एजेंडा', की नाजी जर्मनी से तुलना
By अनिल शर्मा | Published: September 14, 2021 09:18 AM2021-09-14T09:18:57+5:302021-09-14T09:28:07+5:30
नसीरुद्दीन शा ने कहा कि नाज़ी जर्मनी में भी यह प्रयास किया गया था। उत्कृष्ट, विश्व स्तरीय फिल्म निर्माताओं को लाया गया और नाजी दर्शन का प्रचार करने वाली फिल्में बनाने के लिए कहा गया।
फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने तालिबान को समर्थन देनेवाले भारतीय मुसलमानों पर सवालिया निशान लगाया था जिसके बाद उन्हें काफी ट्रोल किया गया था। इस बीच अभिनेता ने फिल्म इंडस्ट्री को लेकर कहा है कि कुछ बड़े बजट की फिल्में आ रही हैं जिनके 'भाषाई एजेंडे' छिपे नहीं हैं।
नसीरुद्दीन शान ने कहा कि तीसरे रैह के दौरान भी प्रचार फिल्में बनाना आम बात थी। एनडीटीवी संग बातचीत में अभिनेता ने कहा कि उन्होंने आज तक कभी फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव महसूस नहीं किया है। बकौल नसीरुद्दीन शाह-‘मुझे नहीं पता कि मुस्लिम समुदाय ने कभी फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव झेला है। हमारा योगदान अभी तक काफी महत्वपूर्ण रहा है। इस इंडस्ट्री में सिर्फ एक ही भगवान है और वो है पैसा। जितना पैसा आपके पास है उतनी ही इज्जत आपको मिलेगी। तीनों खान अभी भी टॉप पर हैं। हां करियर के शुरुआत में मुझे नाम बदलने की सलाह दी गई थी।’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मेरे पास पक्के सबूत नहीं हैं लेकिन जैसी फिल्में आ रही हैं उनको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को 'सरकार समर्थक फिल्में' बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभिनेता ने आगे कहा, उन्हें भी वित्तपोषित किया जा रहा है, उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे ऐसी फिल्में बनाते हैं जो दुष्प्रचार हैं, तो इसे सीधे शब्दों में कहें तो उन्हें क्लीन चिट मिल जाएगी।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि नाजी जर्मनी में भी यह प्रयास किया गया था। उत्कृष्ट, विश्व स्तरीय फिल्म निर्माताओं को लाया गया और नाजी दर्शन का प्रचार करने वाली फिल्में बनाने के लिए कहा गया। उन्होंने आगे कहा, "जिस तरह की बड़े बजट की फिल्में आ रही हैं। बड़े लोग कट्टरवाद के एजेंडे को नहीं छिपा सकते। अभिनेता ने हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का जश्न मनाने वालों के बारे में एक बयान देने के लिए आलोचना की थी। अंत में, अभिनेता ने कहा, 'सेलिब्रेट' शब्द का इस्तेमाल करना शायद अनुचित था।
नसीरुद्दीन ने तालिबान को लेकर कहा था- यह डरावना है जब भारतीय मुसलमानों का एक वर्ग अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का जश्न मनाते हुए देखा जाता है। भारतीय मुसलमानों को तय करना चाहिए कि वे सुधार और आधुनिकता चाहते हैं या वे मध्ययुगीन विश्वास प्रणालियों और मूल्यों का पालन करना चाहते हैं।