पुण्यतिथिः13 साल की उम्र में पहला गाना गाने वाले मोहम्मद रफी ने जीत लिया था सभी का दिल
By रामदीप मिश्रा | Updated: July 31, 2018 07:55 IST2018-07-31T07:55:42+5:302018-07-31T07:55:42+5:30
Mohammed Rafi Death Anniversary Biography, Popular songs, Facts, Life History & Achievements: मोहम्मद रफी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी गायकी शुरू कर दी थी। वे अक्सर एक फकीर के गीतों को सुनते रहते थे और धीरे-धारे उनका संगीत के प्रति प्रेम बढ़ता गया।

Mohammed Rafi Death Anniversary Biography, Popular songs, Facts, Life History & Achievements
नई दिल्ली, 31 जुलाईः हिन्दी सिनेमा में सुरों की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी की आज पुण्यतिथि है। उनका जन्म अमृतसर के पास कोटला सुल्तान सिंह गांव में 24 दिसंबर 1924 को एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। वे ना केवल अपने समय लोकप्रिय रहे बल्कि आज भी लोगों के दिलों में राज कर रहे हैं। इस महान शख्सियत का आज के दिन 31 जुलाई 1980 को निधन हो गया था।
फकीर के गीतों को सुन हुआ संगीत से प्रेम
मोहम्मद रफी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी गायकी शुरू कर दी थी। वे अक्सर एक फकीर के गीतों को सुनते रहते थे और धीरे-धारे उनका संगीत के प्रति प्रेम बढ़ता गया, जिसकी भनक उनके बड़े भाई हमीद को लग गई थी और उन्होंने फिर उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर दिल अजीज हो गए।
ऐसे पहुंचे मुंबई
बताया जाता है कि मोहम्मद रफी ने संगीत की शिक्षा लाहौर में ली थी और उन्होंने संगीत सीखने के लिए उस्ताद अब्दुल वाहिद खान को अपना गुरु बयाना था। इस दौरान उन्होंने गुलाम अलीखान से भारतीय शास्त्रीय संगीत भी सीखना शुरू कर दिया था। कहा जाता है कि एक बार हमीद रफी को लेकर के. एल. सहगल संगीत के कार्यक्रम में लेकर गए थे। लेकिन, बिजली नहीं होने के कारण के. एल. सहगल ने गाने से मना कर दिया। इसके बाद बड़े भाई हमीद कार्यक्रम के संचालक से गुजारिश करने लगे कि वह उनके भाई को एक बार गाने का मौका दें। उनके अनुरोध करने पर संचालक ने हामी भर दी और रफी ने पहली बार 13 वर्ष की उम्र मे अपना पहला गीत स्टेज पर दर्शकों के सामने गाया। इन्हीं दर्शकों के बीच संगीतकार श्याम सुंदर बैठे हुए थे, जिन्हें उनका गाना अच्छा लगा और उन्होनें रफी को मुंबई बुलाया।
पद्म श्री' से किया गया सम्मानित
मोहम्मद रफी ने अपने करियर में लगभग 700 फिल्मों के लिए गाने गाये हैं और जिनकी संखा हजारों में है। बताया जाता है कि उन्होंने न केवल हिंदी में गाने गाए हैं बल्कि असामी, कोंकणी, भोजपुरी, ओड़िया, पंजाबी, बंगाली, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगू, माघी, मैथिली, उर्दू, के साथ साथ इंग्लिश, फारसी, अरबी और डच भाषाओं में भी गाए हैं। रफी के नाम 6 फिल्मफेयर और एक नेशनल अवॉर्ड है। इसके अलावा उन्हें भारत सरकार कि तरफ से 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया गया।
ये हैं लोकप्रिय नगमें
रफी के बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय गानों की बात करें तो उनमें आने से उस के आए बहार, बहारो फूल बरसाओ, लिखे जो खत तुझे, क्या हुआ तेरा वादा, आज मौसम बड़ा बेईमान है, ये दुनिया ये महफिल, बदन पे सितारे लपेटे हुए, तुम जो मिल गए हो, ये रेशमी जुल्फे, चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम, गुलाबी आंखें, मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, कहने दो जी कहता रहे, चाहे मुझे कोई जंगली कहे, तेरी प्यारी-प्यारी सूरत को जैसे गानें शामिल हैं।
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