कंगना विवादः कोई मुसलमान बोला होता तो सालों जेल में रहता, कंगना की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, बोले अभिनेता
By अनिल शर्मा | Updated: November 15, 2021 11:06 IST2021-11-15T11:04:21+5:302021-11-15T11:06:32+5:30
केआरके ने लिखा- 'अगर कोई मुस्लिम देश के स्वतंत्रता सेनानी का अपमान कर देता, आजादी को भीख कह देता तो वो देशद्रोही माना जाता। और सालों जेल में रहता। लेकिन कंगना रनौत को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।'

कंगना विवादः कोई मुसलमान बोला होता तो सालों जेल में रहता, कंगना की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, बोले अभिनेता
मुंबईःकंगना रनौत के '1947 में आजादी भीख में मिली थी' वाले बयान को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अभिनेत्री के बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचनाएं कर रहे हैं। हालांकि कंगना अपने बयान पर टिकी हुई हैं। इस बीच अभिनेता कमाल राशिद खान (केआरके) ने अभिनेत्री के बयान को लेकर उनकी गिरफ्तारी ना किए जाने को लेकर सवाल उठाया है।
केआरके ने कहा है कि अगर कोई मुसलमान किसी स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करता तो वह अबतक देशद्रोही साबित कर दिया जाता और सालों जेल में रहता। केआरके ने अपने ट्वीट में गृहमंत्री अमिता शाह, दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस और यूपी पुलिस सहित हिमाचल पुलिस को टैग किया है।
केआरके ने लिखा- 'अगर कोई मुस्लिम देश के स्वतंत्रता सेनानी का अपमान कर देता, आजादी को भीख कह देता तो वो देशद्रोही माना जाता। और सालों जेल में रहता। लेकिन कंगना रनौत को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।'
Agar Koi Muslim Desh Ke freedom fighters ki insult Kar Deta, Azadi Ko Bheekh Kah Deta, Toh Woh Deshdrohi Mana Jata, Aur Saalon Jail Main Rahta. Then why #KanganaRanaut is not arrested till now? @AmitShah@DelhiPolice@MumbaiPolice@himachalpolice@Uppolice
— KRK (@kamaalrkhan) November 15, 2021
केआरके ने इसके साथ ही एक और ट्वीट किया और एकता कपूर और कंगना को पद्मश्री दिए जाने पर गुस्सा जाहिर किया। अभिनेता ने लिखा- जब देश में गंदी बात करनेवाले और गंदी बात बनानेवालों को पद्मश्री अवॉर्ड दिए जा रहे हैं, राष्ट्रीय पुरस्कार विदेशी को दिया जा रहा है तो फिर इन सरकारी अवॉर्ड से अच्छा तो फिल्मफेयर अवॉर्ड ही है।
उधर, मशहूर मराठी अभिनेता विक्रम गोखले ने कंगना के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कंगना ने सही कहा है, हमें आजादी दी गई थी। गोखले ने इसके साथ ही ये भी कहा कि भारत को कभी भी "हरा" नहीं होना चाहिए और इसे "भगवा" बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।
गोखले ने रविवार को पुणे में एक समारोह में बोलते हुए कहा, "मैं रनौत के बयान से सहमत हूं। हमें आजादी दी गई। जब स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई (ब्रिटिश राज के दौरान) तो बहुत से लोग मूकदर्शक बने रहे। मूकदर्शक बने इन दर्शकों में कई वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं बचाया जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे। गोखले ने कहा, भाजपा सहित हर राजनीतिक दल विवादों से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं।