1947 की आजादी को भीख में मिली आजादी कह कंगना रनौत विवादों में आ गई हैं। इस बयान के खिलाफ लोग सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। वहीं लोग केंद्र सरकार से उनसे पद्मश्री वापस लिए जाने और उनपर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।
इस बीच राजनीतिक पार्टियों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को ट्विटर पर #KanganaRanautDeshdrohi (कंगना रनौत देशद्रोही) सुबह से ही ट्रेंड कर रहा है। अभिनेत्री के खिलाफ मीम्स और पोस्टर के जरिए लोग अपनी आपत्ति जता रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र महिलाकांग्रेस ने अभिनेत्री के बयान को लेकर पुणे शहर में उनका पोस्टर जलाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान सड़कों पर महिला कांग्रेस के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और अभिनेत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कंगना ने टाइम्स नाउ समिट में कहा था, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन। पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी। जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’
#KanganaRanautDeshdrohi के साथ एक यूजर ने लिखा- कंगना रनौत से पद्मश्री वापस ले लिया जाना चाहिए और उन्हें देशद्रोही घोषित किया जाना चाहिए। इसने भारत की स्वतंत्रता और सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वालों को भाजपा पद्मश्री दे रही है।
एक यूजर ने कंगना की फिल्म मणिकर्णिका से एक क्लिप साझा कर अभिनेत्री से कहा- ये तुम हो?
एक यूजर ने लिखा- भक्तों के ट्यूटर के रूप में कंगना रनौतः आजादी 2014 में मिली और मोदीजी भारत के पहले पोल्टू मामा थे। भक्तः इसे स्कूल में दोहराएं। और देखिए जो हो रहा है।
न केवल उनका पद्मश्री रद्द किया जाना चाहिए बल्कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। न्यायपालिका के लिए एक उदाहरण स्थापित करने का समय आ गया है। शर्म आती है..
कंगना का पोस्टर को आग लगाती हुईं महाराष्ट्र कांग्रेस महिला मोर्चा की कार्यकर्ता...
इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति को टैग कर एक के बाद एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला। सुश्री कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है।
उन्होंने दूसरा ट्वीट कर लिखा "सुश्री रनौत को दिया गया पद्म पुरस्कार तुरंत वापस लेना चाहिए। इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मानसिक मनोचिकित्सीय मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें। " इस ट्वीट में शर्मा ने राष्ट्रपति को टैग किया।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा- आजादी के 75वें साल में आजादी के रणबांकुरों का अपमान और गांधी-नेहरू-पटेल-बोस-भगत सिंह और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष व बलिदान वो नहीं समझ सकते जो “अंग्रेज के पिट्ठू” थे।