जितेन्द्र: जिसने पर्दे पर निभाया हर किरदार और जिनकी फिल्मों के नाम हैं बड़े अजीबो-गरीब, पढ़िए फिल्मी सफर
By मेघना वर्मा | Published: April 7, 2019 07:23 AM2019-04-07T07:23:55+5:302019-04-07T07:23:55+5:30
अपने करियर में जितेंद्र ने हर तरह के किरदार निभाए, रोमांटिक हीरो से लेकर गंभीर यहां तक कि बुजुर्ग का किरदार भी निभाया और हर किरदार में उन्हें पसंद भी किया गया।
हिंदी सिनेमा जगत में कई ऐसे स्टार हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। वहीं कई ऐसे कलाकार हैं जिनकी डासिंग स्किल के लोग कायल है। वहीं इस इंडस्ट्री में जितेन्द्र जैसे कलाकार भी हैं जिनकी एक्टिंग की ना सिर्फ लोग तारीफ करते हैं बल्कि उनके डांस स्टेप्स को लोग आज भी फॉलो करना चाहते हैं। तोहफा, नागिन, जानी दुश्मन और धर्मवीर जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले जितेन्द्र आज अपना 77वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके बर्थडे पर आज बात उनकी फिल्मी सफर की।
जितेंद्र का जन्म 7 अप्रैल 1942 को मुंबई में हुआ था। पहले जितेन्द्र का नाम रवि कपूर रखा गया था। उनके फिल्मी करियर की बात करें तो 1950 के दशक में वी. शांतराम ने उन्होंने पहली फिल्म उनको नवरंग (1959) और सेहरा (1963) फिल्मों में काम करने का मौका दिया। लेकिन लीड रोल शांताराम की 1964 में आई फिल्म गीत गाया पत्थरों ने में मिला। बस इसके बाद जितेन्द्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सिनेमा जगत में योगदान देते रहे।
करीब 200 से भी ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले जितेन्द्र एक ऐसे एक्टर हैं जिनकी फिल्म से ज्यादा फिल्मों के नाम सुर्खियों में रहा। सुपरहिट फिल्मों के साथ कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं जो ऑडियंस को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाईं। ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रहीं। फ्लॉप के साथ इन फिल्मों के नाम भी काफी अजीब थे।
जया प्रदा और जितेन्द्र की जोड़ी
साल 1967 में जितेन्द्र की फिल्म आई 'बूंद जो बन गए मोती' भी कुछ खास नहीं चली। आमतौर पर शांताराम की ज्यादातर फिल्में सफल रहीं लेकिन उनकी ये फिल्म दर्शकों को कुछ खास पसंद नहीं आई। हालांकि इसमें जितेंद्र और मुमताज की जोड़ी को बेहद पसंद किया गया। 1984 में आई फिल्म तोहफा लोगों को काफी पसंद आई इसके बाद से जितेन्द्र की जोड़ी जया के साथ बहुत पसंद की जाने लगी।
निभाया हर किरदार
अपने करियर में जितेंद्र ने हर तरह के किरदार निभाए, रोमांटिक हीरो से लेकर गंभीर यहां तक कि बुजुर्ग का किरदार भी निभाया और हर किरदार में उन्हें पसंद भी किया गया। वहीं कुछ फिल्में उनकी बॉक्स ऑफिस पर बिल्कुल फ्लॉप रहीं। इनमें 'बिखरे मोती', 'कठपुतली', 'अनोखी अदा', 'गरम मसाला', 'आखिरी दांव' और 'रानी और लालपरी' आदि।
अजीबो-गरीब है फिल्म के नाम
जितेन्द्र की कुछ फिल्मों के नाम बड़े अजीबो-गरीब रहे। जिन्हें आज सुनकर हंसी भी आते हैं। इन फिल्मों में ज्योति बने ज्वाला, स्वर्ग से सुंदर, प्यासा सावन, सौतन की बेटी, जस्टिस चौधरी, वारिस, प्रेम तपस्या, आग और शोला, गीत गाया पत्थरों ने, एक ही भूल, मांग भरो सजना, हा