बर्थडे स्पेशल: बेटे संजय के बेहद करीब थीं नरगिस, आखिरी दिनों में किया था ये काम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: June 1, 2018 12:52 IST2018-06-01T08:19:15+5:302018-06-01T12:52:47+5:30
Nargis Dutt 89th Birth Anniversary:बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा नरगिस का जन्मदिन है। नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को हुआ था।

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मुंबई, 31 मई: बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा नरगिस का जन्मदिन है। नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को हुआ था। नरगिस की मां जद्दनबाई को शास्त्रीय संगीत का शौक था नरगिस को फिल्मों में काम करने के लिए उनकी मां का सहयोग मिला। नरगिस का वास्तविक नाम फातिमा राशिद था। नरगिस के पिता डॉक्टर थे। आज भी फिल्म मदर इंडिया का नाम सुनते ही आपके दिमाग में पहला चेहरा नरगिस का ही आता है। 1940 और 50 के दशक में नरगिस को कई बड़ी हिंदी फिल्में मिली थीं। नरगिस ने अभिनेता सुनील दत्त से शादी की थी। उनके दो बेटियां और और बेटा था। कहते हैं नरगिस को अपने बेटे संजय से बेहद प्यार था। वह आखिरी दम तक अपने बेटे ही याद करती थीं।
बेहद करीब थे संजय
कहते हैं नरगिस के संजय दत्त बेहद करीब थे। संजय दत्त को जब नशे की लत गई थी तो इसके बारे में सबसे पहले नरगिस को ही पता लगा था। नरगिस जब कैंसर के इलाज के लिए विदेश में थीं, तो वह वहीं से बेटे का खास ध्यान रखती थीं। वह न्यूयार्क में अस्पताल से उनकी मां उनके आगे बढ़ने के लिए उनको प्रत्साहित करती थीं।
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बेटे के लिए भेजी थी रिकॉर्डिंग![]()
जब नरगिस अस्पताल में भी और संजय मुंबई में थे तब मां ने उनके लिए टेप रिकॉर्ड करके भेजा था। संजय ने बताया किउस वक्त संजय नहीं रोए लेकिन तीन साल बाद एक टेप में मां की आवाज सुनते ही वह बच्चों की तरह फूट-फूटकर चार दिन तक रोते रहे। पिता सुनील दत्त ने नरगिस के अंतिम दिनों के कुछ रिकॉर्ड किए हुए टेप उन्हें भेजे थे। संजय को जब अपने पिता से टेप मिला तो उन्हें पता नहीं था कि उसमें क्या है। उन्होंने उसे बजाया और अचानक ही कमरे में नरगिस की आवाज गूंजने लगी।' संजय मे खुद कहा हैआज भी मैं उस टेप को सुनकर 4, 5 घंटे तक रोता रहता हूं, वो मुझे आगे बढ़ता देखना चाहती थीं।
ये अधूरी रह गई इच्छा![]()
शादी और बच्चों के बाद नरगिस दत्त ने सामाजिक कार्यों में समय बिताना शुरु किया था। वह राज्यसभा भी गई थीं। लेकिन अचानक से कैंसर के चपेट में आ जाने से उनके जीवन से मानों खुशियां ही चली गईं थीं। जब वह कैंसर के इलाज के लिए विदेश से भारत वापस लौटी तो उनकी तबियत फिर खराब हो गई और वो कोमा में चली गईं। कहते हैं नरगिस अपने बेटे संजय दत्त को सिल्वर स्क्रीन पर देखना चाहती थी लेकिन दुर्भाग्यवश वो संजय दत्त की पहली फिल्म ‘रॉकी’ के रिलीज होने के 4 दिन पहले दुनिया छोड़ गईं।

