बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर गुरु दत्त (Guru Dutt) का 95वां आज जन्मदिन है। 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक में जन्मे गुरु दत्त का पूरा नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। उन्हें प्यासा, कागज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम और चौदहवीं का चांद जैसी फिल्मों के लिए फैंस आज भी याद करते हैं।
आर्तिक स्थिति ठीक नहीं होने कारण कॉलेज नहीं जा पाए गुरु दत्त
मालूम हो, गुरु दत्त का जन्म गरीब परिवार में हुआ था। आर्तिक स्थिति ठीक ना होने के कारण वो कॉलेज भी नहीं जा पाए थे। यही नहीं, अपने फिल्मी करियर का आगाज करने से पहले उन्होंने कोलकाता है में बतौर टेलीफोन ऑपरेटर भी काम किया था। जब इस काम से उनका मन हटने लगा, तब उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी। फिर गुरु कोलकाता से पुणे आ गए, जहां उन्होंने एक फिल्म कंपनी में काम करना शुरू किया। यहां काम करते हुए उनकी दोस्ती देवानंद और रहमान से हो गई।
गुरु दत्त ने बतौर कोरियोग्राफर, एक्टर और अस्सिटेंट डायरेक्टर काम किया
इसके बाद गुरु दत्त ने कोरियोग्राफर, एक्टर और अस्सिटेंट डायरेक्टर के रूप में काम करना शुरू किया। उन्हें पुणे में सबसे पहले साल 1944 में चांद नामक फिल्म में श्रीकृष्ण का किरदार करने को मिला था। हालांकि, इस फिल्म में उनका रोल काफी छोटा था। यही नहीं, साल 1951 में गुरु के निर्देशन में फिल्म बाजी रिलीज हुई। बता दें, फिल्म इंडस्ट्री को देवानंद और गुरु दत्त ने एकसाथ कई शानदार फिल्में दी थीं।
10 अक्टूबर, 1964 को हुआ निधन
यही नहीं, कई आर्टिस्ट को गुरु दत्त ने काम भी दिया, जिसमें वहीदा रहमान, जॉनी वॉकर, राइटर-डायरेक्टर अबरार अल्वी और सिनेमेटोग्राफर वीके मूर्ति जैसी दिग्गज हस्तियां शामिल हैं। वैसे गुरु जितने शानदार अभिनेता, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर थे उनकी निजी जिंदगी के भी उतने ही चर्चे होते थे। उन्होंने कम उम्र में शोहरत हासिल कर ली थी। मगर 10 अक्टूबर, 1964 को रहस्यमयी तरीकों से उनका निधन हो गया।