Dilip Kumar Death: पेशावर में दिवगंत एक्टर के पुश्तैनी घर के बाहर अदा की गई नमाज़-ए-जनाज़ा
By अनिल शर्मा | Updated: July 8, 2021 14:11 IST2021-07-08T13:56:26+5:302021-07-08T14:11:56+5:30
पाकिस्तान सरकार पहले ही उनके पैतृक घर को राष्ट्रीय विरासत घोषित कर चुकी है और उनके नाम पर इसे संग्रहालय में बदलने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी हैं।

Dilip Kumar Death: पेशावर में दिवगंत एक्टर के पुश्तैनी घर के बाहर अदा की गई नमाज़-ए-जनाज़ा
अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर पूरे पाकिस्तान में भी शोक की लहर है। एक्टर के निधन के बाद पेशावर में उनके पुश्तैनी घर के बाहर लोगों ने नमाज़-ए-जनाज़ा अदा की। 11 दिसंबर 1922 को पेशावर के किस्सा खानी बाजार क्षेत्र में पैदा हुए दिलीप कुमार के निधन पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी शोक व्यक्त किया था। उन्होंने ट्वीट किया था- वह मेरी पीढ़ी के महानत अभिनेता थे।
दशकों से बॉलीवुड में संजीदा भूमिकाओं से सबके दिलों पर राज करने वाले दिलीप कुमारको साल 1998 में, पाकिस्तान सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'निशान-ए-इम्तियाज' से सम्मानित किया। खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) की सरकार ने महान अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें प्रांत में उनके पैतृक गृह नगर के लोगों के लिए उनके प्यार और स्नेह के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
Actor Dilip Kumar’s (Yousaf Khan) funeral in absentia offered at his birthplace in Muhalla Khudadad, Qissa Khwani, #Peshawar. Prayers held for him at various points in the city. pic.twitter.com/EDnHCu3jcd
— Iftikhar Firdous (@IftikharFirdous) July 7, 2021
राष्ट्रीय विरासत घोषित हो चुकी है दिलीप कुमार का पुश्तैनी घर
पाकिस्तान सरकार पहले ही उनके पैतृक घर को राष्ट्रीय विरासत घोषित कर चुकी है और उनके नाम पर इसे संग्रहालय में बदलने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर चुकी हैं। केपी पुरातत्व, खेल और पर्यटन विभाग के प्रवक्ता लतीफ-उर-रहमान के मुताबिक प्रांतीय सरकार ने दिलीप कुमार के पैतृक घर पर कब्जा कर लिया है और इसे जल्द ही एक संग्रहालय में बदल दिया जाएगा।
90 के दशक की शुरुआत में पेशावर गए थे
दिलीप कुमार ने 90 के दशक की शुरुआत में पेशावर गए थे। पेशावर के लोगों द्वारा उनका अभूतपूर्व स्वागत और स्वागत किया गया।पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, खैबर पख्तूनख्वा ने "उनके शोक संतप्त परिवार के लिए विशेष संवेदना" की पेशकश करते हुए एक बैनर भी लगाया।