'छपाक' फिल्म के निर्माताओं को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, 15 जनवरी से पहले लक्ष्मी के वकील को नहीं मिला क्रेडिट तो रिलीज पर रोक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 11, 2020 11:28 IST2020-01-11T11:28:46+5:302020-01-11T11:28:46+5:30

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म 'छपाक' के निर्माताओं से सवाल किया कि उन्होंने एसिड हमले की पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की वकील को उनसे ली गयी जानकारी के लिए श्रेय क्यों नहीं दिया।

Delhi High Court restrains from releasing of film Chhapaak without giving credit to lawyer Aparna Bhat | 'छपाक' फिल्म के निर्माताओं को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, 15 जनवरी से पहले लक्ष्मी के वकील को नहीं मिला क्रेडिट तो रिलीज पर रोक

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsअदालत ने सवाल किया कि वकील को श्रेय देने में क्या कठिनाई है और निर्माता उनसे जानकारी मांगने क्यों गए थे।इस पर फिल्म निर्देशक मेघना गुलजार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संदीप सेठी ने कहा कि पक्षों के बीच कोई अनुबंध नहीं था और जानकारी मांगने से उन्हें श्रेय देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म छपाक को रिलीज करने से रोक दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एसिड अटैक पीड़िता की वकील अपर्णा भट्ट को क्रेडिट दिए बिना फिल्म 'छपाक' को रिलीज करने से रोक दिया। जिन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में जीवित लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व किया। मल्टीप्लेक्स के लिए यह आदेश 15 जनवरी और लाइव स्ट्रीमिंग और अन्य लोगों के लिए 17 जनवरी से प्रभावी होगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म 'छपाक' के निर्माताओं से सवाल किया कि उन्होंने एसिड हमले की पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की वकील को उनसे ली गयी जानकारी के लिए श्रेय क्यों नहीं दिया। फिल्म 'छपाक' लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित है और यह शुक्रवार को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुयी।

अदालत ने फॉक्स स्टार स्टूडियो की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान फिल्म के निर्माता और निर्देशक से सवाल किया। याचिका में अदालत के गुरुवार के आदेश को चुनौती दी गयी है जिसमें अधिवक्ता अपर्णा भट्ट के योगदान को देखते हुए उन्हें श्रेय देने को कहा गया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया और कहा कि अदालत शनिवार सुबह फैसला सुनाएगी।

अदालत ने सवाल किया कि वकील को श्रेय देने में क्या कठिनाई है और निर्माता उनसे जानकारी मांगने क्यों गए थे। इस पर फिल्म निर्देशक मेघना गुलजार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संदीप सेठी ने कहा कि पक्षों के बीच कोई अनुबंध नहीं था और जानकारी मांगने से उन्हें श्रेय देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

फिल्म निर्माता फॉक्स स्टार स्टूडियोज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने कहा कि सुनवाई अदालत ने आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना और अंतरिम तथा एक पक्षीय फैसला दिया जो असामान्य है।

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