पुण्यतिथि विशेष: देव आनंद के प्यार में सुरैया ने उम्र भर नहीं की शादी, जानें ऐसे ही कुछ अनोखी बातें
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: January 31, 2019 09:31 IST2019-01-31T09:31:03+5:302019-01-31T09:31:03+5:30
बॉलीवुड में सुरैया एक गायिका और एक्ट्रेस दोनों के रूप में जाना जाता है। फैंस के बीत भी उनको वही खास पहचान मिली। उनकी आवाज का जादू आज तक फैंस के दिलों पर राज करता है।

पुण्यतिथि विशेष: देव आनंद के प्यार में सुरैया ने उम्र भर नहीं की शादी, जानें ऐसे ही कुछ अनोखी बातें
बॉलीवुड में सुरैया एक गायिका और एक्ट्रेस दोनों के रूप में जाना जाता है। फैंस के बीत भी उनको वही खास पहचान मिली। उनकी आवाज का जादू आज तक फैंस के दिलों पर राज करता है। जिसने लगभग चार दशक तक सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाए रखा। 15 जून 1929 को पंजाब के गुजरांवाला शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार मे जन्मी सुरैया का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था और वह हमेशा से बस गायिका बनने का ही शौक रखती थीं। बतौर बाल कलाकार साल 1937 में उनकी पहली फिल्म 'उसने सोचा था' प्रदर्शित हुई।
- कहते सुरैया अपने चाचा जहूर के साथ साल 1941 में स्कूल की छुट्टियों के दौरान मोहन स्टूडियो में फिल्म 'ताजमहल' की शूटिंग देखने गयी। वहां उनकी मुलाकात फिल्म के निर्देशक नानु भाई वकील से हुई जिन्हें सुरैया में फिल्म इंडस्ट्री का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया। उन्होंने सुरैया को फिल्म के किरदार मुमताज महल के लिए चुन लिया।
- इसके बाद आकाशवाणी के एक कार्यक्रम के दौरान नौशाद ने जब सुरैया को गाते सुना तो वह उनके फैंस हो गए। इसके बाद उन्होंने पहली बार कारदार साहब की फिल्म 'शारदा' में सुरैया को गाने का ऑफऱ दिया।
-साल 1949-50 में सुरैया के सिने करियर में अभूतपूर्व परिवर्तन आया। वह अपनी प्रतिद्वंदी अभिनेत्री नरगिस और कामिनी कौशल से भी आगे निकल गईं। इसका मुख्य कारण यह था कि सुरैया अभिनय के साथ-साथ गाने भी गाती थीं। 'प्यार की जीत', 'बड़ी बहन' और 'दिल्लगी' 1950 जैसी फिल्मों की कामयाबी के बाद सुरैया शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंची।
- जीत फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों की पहली बार मुलाकात हुई थी तब तक सुरैया एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हो चुकी थीं और देव साहब भी अपनी पहचान बना रहे थे। जब शूटिंग के दौरान देवानंद की पहली मुलाकात एक्ट्रेस सुरैया से हुई और एकसाथ काम करते-करते देव आनंद ने सुरैया को दिल दे दिया था। सुरैया देवानंद से बड़ी स्टार थीं जिस वजह से देवानंद अपने प्यार का इजहार का इजहार करने में हिचकिचाते थे। लेकिन एक बार हिम्मत करते देव साहब ने प्यार का इजहार किया। ये प्यार आगे बढ़ ही पा रहा था कि सुरैया की नानी ने बगावत कर दी उन्होंने सुरैया को देव को छोड़ने को कहा। हालात से मजबूर सुरैया ने कई परेशानियों को झेला और एक दिन हमेशा के लिए देव के प्यार को छोड़ दिया साथ ही एक कसम ली कभी ना
शादी करने की। सुरैया ने मरते दम तक कभी शादी नहीं की थी।
- साल 1963 में पेश की गई फिल्म 'रुसतम सोहराब' के प्रदर्शन के बाद सुरैया ने खुद को फिल्म इंडस्ट्री से अलग कर लिया। लगभग तीन दशक तक अपनी जादुई आवाज और अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली सुरैया ने 31 जनवरी 2004 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

