फिरोज खान पुण्यतिथि: स्टाइलिश हीरो से लेकर फिल्मकार बनने का शानदार यादगार सफर -पढ़ें

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: April 27, 2018 10:06 IST2018-04-27T10:06:45+5:302018-04-27T10:06:45+5:30

फिरोज खान ने 27 अप्रैल 2009 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहा था। जब 70 वर्षीय फिरोज खान निधन हुआ वह लम्‍बे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे।

death anniversary feroz khan: unknown facts about actor | फिरोज खान पुण्यतिथि: स्टाइलिश हीरो से लेकर फिल्मकार बनने का शानदार यादगार सफर -पढ़ें

फिरोज खान पुण्यतिथि: स्टाइलिश हीरो से लेकर फिल्मकार बनने का शानदार यादगार सफर -पढ़ें

मुंबई, 27 अप्रैल: अपने दमदार अभिनय और आवाज से फैंस को आज कर अभिमेता फिरोज खान ने बांध के रखा है। उन्होंने पूरे पचास साल अभिनय किया, लेकिन खाते में महज 57 फिल्में। फिरोज ने 27 अप्रैल 2009 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहा था। जब 70 वर्षीय फिरोज खान निधन हुआ वह लम्‍बे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने बॉलीवुड में प्रवेश वर्ष 1960 में फिल्म 'दीदी' से किया था।

पाँच दशक का सफ़र 

साल 1960 में फिल्म दीदी से अपना सफ़र शुरू करनेवाले फिरोज खान ने दर्जनों फिल्मों में काम किया, कई निर्देशित कीं और कई फ़िल्मों में अलग-अलग भूमिकाओं के तौर पर जुड़े रहे। धर्मात्मा, जानबाज  कुर्बानी, दयावान जैसी फिल्मों ने उन्हें शोहरत दिलाई थी। एक तरफ से तो वह एक सुंदर, सजीले हीरो की भूमिका में फैंस को लुभाते थे तो दूसरी ओर एकविलेन के रोल में भी खुद को ढालकर फैंस को आकर्षित करते थे।

फिल्में बनाने का स्टाइल

कहते हैं फिरोज खान अपनी बनायी फिल्मों में हिरोइन के सौंदर्य और बोल्डनेस को चाहते थे। फिल्म धर्मात्मा के लिए हेमा मालिनी की  बेपनाह खूबसूरती को बेहद सधे हुए ढंग से उन्होंने प्रदर्शित किया था। फिरोज ने ‘दयावान’ में माधुरी दीक्षित और विनोद खन्ना का लगभग दो मिनट लंबा किस सीन दिखा कर दर्शकों के बीच हंगामा खड़ा कर दिया था। इतना ही नहीं‘क़ुर्बानी’ में भीगी साड़ी में जीनत की खूबसूरत कभी न भुला पाने वाला दृश्य बन पड़ा है। फिरोज खान के जीवन की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी ‘क़ुर्बानी’।

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बेटे को लेकर बनाई थी फिल्म

उन्होंने अपने बेटे के करियर को बनाने की कोशिश भी की थी। बेटे फरदीन के करियर को सहारा देने के लिए फिरोज नें 2003 में फिल्म ‘जानशीन’  बनायी। लेकिन उनकी कोई भी कोशिश कामियाब नहीं हो सकी यह फिल्म भी बुरी तरह फ्लॉप हुई। फिल्म में हर तरह के तड़के को फिरोज ने लगाने की कोशिश की लेकिन फैंस को ये पसंद नहीं आया था।

विनोद खन्ना से दोस्ती

फिल्म ‘वेलकम’ में फिरोज ने आरडीएक्स का कॉमिक रोल जरूर निभाया ये उनका आखिरी यादगार रोल था। बॉलीवुड में जो उनके सबसे करीब था वो थे विनोद खन्ना। दोनों की दोस्ती के चर्चे हमेशा होते हैं। फिरोज  खान के निधन से सबसे ज्यादा उनके दोस्त विनोद खन्ना परेशान हुए थे।

Web Title: death anniversary feroz khan: unknown facts about actor

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