Cannes Film Festival 2022: मलयालम फिल्म ‘थंप’ का प्रदर्शन, कांस फिल्म महोत्सव पर बोले शिवेंद्र सिंह-गौरवपूर्ण क्षण
By अनुभा जैन | Published: May 3, 2022 06:08 PM2022-05-03T18:08:54+5:302022-05-03T18:10:36+5:30
Cannes Film Festival 2022: फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निर्देशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने बताया कि थंप फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में भारत की कुछ और फिल्मों के साथ आमंत्रित किया जाना गौरवपूर्ण है।
Cannes Film Festival 2022: फिल्म सरंक्षण के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर की फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, मुम्बई द्वारा पुनरुद्धार (रेस्टोरेशन) की गई मलयालम फिल्म ‘थंप’ इस वर्ष 17 से 21 मई तक फ्रांस में हो रहे 75 वें वार्षिक कांस फिल्म फेस्टिवल के प्रीमियम शो में प्रदर्शित होंगी।
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निर्देशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने बताया कि थंप फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में भारत की कुछ और फिल्मों के साथ आमंत्रित किया जाना गौरवपूर्ण है। उन्होंने बताया कि थंप फिल्म को 21 मई को कांस फिल्म महोत्सव के प्रीमियम शो में दिखाया जायेगा।
मलयालम फिल्म के सर्वकालीन महान फिल्मकार जीअरविंदन गोविंदन की इस फिल्म थंप (1978) का रेस्टोरेशन फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन, वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन एवं सिनेटिका डी बोलोनिया संस्थान ने एक साथ मिलकर किया है। डूंगरपुर ने बताया कि थंप (यानि सर्कस का टेंट) के साथ विख्यात फिल्मकार जी अरविंदन की एक और मलयालम फिल्म कुमूठी (1979 ) को पुनर्जन्म देने काम भी किया गया है।
इन दोनों फिल्मों का रेस्टोरेशन कार्य पूरा हो चुका है। सौभाग्य से थंप फिल्म को कांस फिल्म महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिल रहा है, जो भारतीय सिने जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। शिवेंद्र सिंह इस फिल्म के स्क्रीनिंग को लेकर काफी उत्साहित है।
थंप फिल्म का निर्माण 1978 में के.रवींद्रन नायर की फिल्म कंपनी जनरल फिल्म्स के बैनर तले किया गया था। यह एक श्वेत श्याम फिल्म थी एवं इस फिल्म के निर्देशक और पटकथाकार मलयालम फिल्म जगत के जाने माने फिल्मकार जी अरविंदम थे। जी अरविंदम का फिल्म करियर काफी छोटा रहा। उन्होंने अपने करियर में 16-17 फ़िल्में ही बनाई।
विशेषकर कुमुठी और थंप (यानि सर्कस का टेंट ) काफी मशहूर हुई। इस फिल्म में एक सर्कस गांव में आता है और बस पूरे फिल्म की कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है। थंप फिल्म के बारे में शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर कहते है जब वे पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में डिप्लोमा कर रहे थे, उस वक्त उन्होंने यह फिल्म देखी थी और उनका मानना है कि जी.अरविंदन गोविंदन की यह फिल्में दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर देती है।