पालघर की घटना पर भड़के रवि किशन, कहा- साधु मार दिए गए और पुलिस मूकदर्शक बनी रही क्यों?
By अमित कुमार | Published: April 20, 2020 05:52 PM2020-04-20T17:52:50+5:302020-04-20T18:21:30+5:30
इस घटना की सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक संगठनों ने भी निंदा की है। यह घटना कासा पुलिस थाना क्षेत्र में दाभाड़ी-खनवेल मार्ग पर गढ़चिंचले गांव के पास हुई थी।
बॉलीवुड एक्टर और भोजपुरी स्टार रवि किशन ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की कड़ी निंदा की। रवि किशन ने सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया। एक्टर ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘पूरा जीवन सनातन धर्म वाले साधु मार दिए गए। पुलिस मूक दर्शक बनी रही क्यों ?’
रवि किशन के अलावा अनुपम खेर और जीशान आयूब भी लगातार इस घटना को लेकर सरकार से सवाल कर रहे हैं। जबकि विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में सीएमओ महाराष्ट्र के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, "भारत की सबसे बड़ी परेशानी है कि हम गिरफ्तारी से ही आसानी से संतुष्ट हो जाते हैं। जबकि सवाल यह है कि पुलिस की मौजूदगी में यह सब हुआ कैसे? मैं हैरान हूं कि बाला साहेब क्या कहते? खैर, सबसे पहले वह अपने बेटे को भटकने की इजाजत नहीं देंते।
बता दें कि यह घटना बृहस्पतिवार रात हुई थी, जब भीड़ ने चोर होने के संदेह में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मृतकों में जूना अखाड़ा के दो संत भी शामिल हैं। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया और आरोपियों को गिफ्तार भी कर लिया गया। वहीं मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाएगी।
बता दें कि मुंबई में कांदिवली के रहने वाले तीन लोगों, चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और वाहन चालक निलेश तेलगाडे (30), को पुलिस की मौजूदगी में ही उनकी कार से निकालकर पीट-पीटकर मार डाला गया।
पूरा जीवन सनातन धर्म वाले साधु मार दिए गये (police) मूक दर्शक बनी रही क्यूँ #Palgharpic.twitter.com/xe6n8XUJIG
— Ravi Kishan (@ravikishann) April 20, 2020
पुलिस दल मौके पर इन लोगों को बचाने के लिये पहुंचा था। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने इसे बर्बर घटना करार देते हुए सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की और कहा कि यह पुलिस की नाकामी थी।
India’s biggest problem is that we are easily satisfied with arrests. Whereas, the question should be how was it possible in police presence?
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 20, 2020
I wonder what Balasaheb would have said? Well, first of all he wouldn’t have allowed his son to go astray. https://t.co/C5DWTfRqGB