जन्मदिन विशेष: पद्मश्री पुस्कार पाने वाली पहली अभिनेत्री थी नरगिस, इस तरह हो गई थी सुनील दत्त की दीवानी

By पल्लवी कुमारी | Published: June 1, 2018 07:23 AM2018-06-01T07:23:23+5:302018-06-01T07:23:23+5:30

Happy Birthday Nargis Dutt: नरगिस ने अपने चार दशक के फिल्मी करियर में तकरीबन 55 फिल्मों में काम किया। श्री 420 और मदर इंडिया, रात और दिन (1967), चोरी चोरी (1956), आवारा (1951), बरसात (1949) इनकी सबसे सफल फिल्में रही हैं।

Birthday special nargis dutt: first actress won padma shri national film award, lesser known fact | जन्मदिन विशेष: पद्मश्री पुस्कार पाने वाली पहली अभिनेत्री थी नरगिस, इस तरह हो गई थी सुनील दत्त की दीवानी

Nargis Birth Anniversary

नई दिल्ली, 1 जून: नरगिस का नाम भारतीय सिनेमा जगत की उन चुनिंदा कलाकारों में से लिया जाता है, जिन्‍होंने अपने शानदार अभिनय से हिंदी सिनेमा में एक युग की शुरुआत की थी। बॉलीवुड में अभिनेत्री नरगिस दत्त ने अपनी अदाकारी और खूबसूरती से एक खास मुकाम हासिल किया था। हिंदी सिनेमा जगत में चार दशक तक अपने बहुआयामी अभिनय से उन्होंने लाखों प्रशंसक बनाए। नरगिस राज्यसभा के लिए नॉमिनेट होने और पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली पहली एक्ट्रेस थीं। उनके अभिनय का कमाल ऐसा था कि साल 1968 में उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का पहला फिल्मफेयर दिया गया। आज 1 जून को नरगिस का जन्मदिन है। नरगिस ने अपने चार दशक के फिल्मी करियर में तकरीबन 55 फिल्मों में काम किया। श्री 420 और मदर इंडिया, रात और दिन (1967), चोरी चोरी (1956), आवारा (1951), बरसात (1949) इनकी सबसे सफल फिल्में रही हैं। मदर इंडिया फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई थी। नरगिस के जन्मदिन पर आइए जानें उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें...।

6 साल की उम्र से फिल्मों में किया काम शुरू 

नर्गिस के बचपन का नाम फातिमा राशिद था। उनका जन्म 1 जून 1929 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। बंगाली फिल्मों के नर्गिस के पिता उत्तमचंद मोहनदास फेमस डॉयरेक्टर थे। उनकी मां जद्दनबाई मशहूर नर्तक और गायिका थी। मां के चाहने से नरगिस ने फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट से डेब्यू किया था। फिल्म का नाम था- 'तलाश-ए-हक'। नरगिस इस वक्त सिर्फ छह साल की थी। इस फिल्म में काम करने के बाद नरगिस बेबी नरगिस के नाम से फेमस हो गईं। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। एक्टिंग और कला नरगिस को विरासत में मिली थी। 

अभिनेत्री नहीं डॉक्टर बनना चाहती थी नरगिस 

अपने चार दशक के फिल्म करियर में 55 फिल्में करने वाली नरगिस अभिनेत्री नहीं बल्कि एक डॉक्टर बनना चाहती थी। नरगिस ने अपनी मां के कहने पर हिंदी फिल्म जगत में आईं। मां के कहने पर वह महबूब खान की फिल्म तकदीर के लिए नरगिस स्क्रीन टेस्ट देनी गई थीं। नरगिस जब इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने गईं, तब उन्होंने ये सोचा था कि वह सारे डायलॉग गलत बोलेंगी ताकि उनका सेलेक्शन ना हो पाए। नरगिस ने ऐसा ही किया भी। लेकिन महबूब खान ने उन्हें फिल्म में बतौर एक्ट्रेस साइन कर लिया। इस वक्त नरगिस की उम्र सिर्फ 14 साल की थी। फिल्म तकदीर 1943 में आई। बतौर अभिनेत्री ये नरगिस की पहली फिल्म थी। इस फिल्म में उनकी जोड़ी अभिनेता मोतीलाल के साथ थी। 

सुनील दत्त की मुरीद हो गईं थी नरगिस 

सुनील दत्त और नरगिस की जोड़ी बॉलीवुड में सबसे आदर्श जोड़ी में से एक मानी जाती है। सुनील दत्त के व्यक्तित्व की कायल थी नरगिस। दोनों की मुलाकात किसी फिल्म सेट पर नहीं बल्कि रेडियो स्टूडियो में हुई थी। सुनील दत्त उस वक्त बलराज दत्त थे। विभाजन के शिकार बलराज अस्तित्व का संघर्ष कर रहे थे और अपने पांव जमाने के लिए स्टूडियो दर स्टूडियो भटक रहे थे। आखिरकार उन्हें रेडियो सिलोन में काम करने का मौका मिला और वहां उन्हें नरगिस से मिलने का मौका मिला। सुनील दत्त उस वक्त फिल्मी हस्तियों का इंटरव्यू लेते थे और एक दिन उन्होंने नरगिस का भी इंटरव्यू लिया। जो नरगिस को काफी पसंद आया था। फिल्म मदर इंडिया में काम करने के दौरान सुनील दत्त ने नरगिस की जान बचाई थी। इस घटना के बाद दोनों के बीच प्यार हुआ। हालांकि दोनों की उम्र में काफी अंतर था लेकिन फिर भी 1958 में सुनील और नरगिस ने शादी कर ली। नरगिस सुनील दत्त के साथ प्यार में इस कदर पागल थी कि वह शादी के बाद रहने के लिए सुनील दत्त के साथ एक कमरे वाले फ्लैट में आ गईं। जहां सुनील के भाई और मां भी साथ रहते थे।

कैंसर और कोमा को भी दे चुकी थी मात 

महज 51 साल की उम्र में नरगिस की मौत हो गई थी। 1980 तक आते-आते नरगिस की कैंसर की बीमारी लाइलाज हो चुकी थी। इलाज के दौरान नरगिस कोमा में चली गईं थी। इलाज के लिए सुनील दत्त उन्हें अमेरीका ले गए। कैंसर के इलाज में हो रहे कीमोथेरेपी की वजह से नरगिस को भयंकर दर्द होता था। जिसे देख डॉक्टर्स भी ने सुनील दत्त को सलाह दी थी कि वो नरगिस का लाइफ सपोर्ट सिस्टम स्विच ऑफ कर दें ताकि नरगिस को इस पीड़ा से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाए। लेकिन सुनील दत्त नरगिस को इस कदर चाहते थे कि उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया। आखिरकर सुनील दत्त के प्यार की खातिर नरगिस ने कैंसर और कोमा से भी जंग जीत लिया। कुछ दिनों बाद ही वह कोमा से बाहर आ गईं और उनकी हालत में तेजी से सुधार भी होने लगा। लेकिन नरगिस ज्यादा दिनों तक जी नहीं पाई और उनकी 3 मई 1981 को मृत्यु हो गई थी। 

समाज सेवा का भी किया काम 

एक सफल अभिनेत्री या एक अच्छी प्रेमिका या फिर एक अच्छी पत्नी ही नहीं नरगिस एक समाज सेविका भी थी। उन्होंने नेत्रहीन और विशेष बच्चों के लिए काफी काम किया था। नरगिस भारत की पहली स्पास्टिक्स सोसाइटी की संरक्षक भी थीं। उन्होंने सुनील दत्त के साथ अजंता कला सांस्कृतिक दल भी बनाया था। जिसमें बड़े और नामी कलाकार-गायक सरहदों पर जा कर तैनात सैनिकों का हौसला बढ़ाते थे। 

पद्मश्री पुस्कार पाने वाली पहली अभिनेत्री 

नरगिस पहली बॉलीवुड की पहली अभिनेत्री थीं, जिन्हे पद्मश्री पुस्कार मिला था। वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाली भी पहली अदाकार हैं। मुंबई के बांद्रा में नरगिस के नाम पर सड़क भी है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में हर साल राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म को नरगिस दत्त पुरस्कार दिया जाता है।

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