पायरेसी पर लगाम के लिए राज्यसभा में बिल पेश, 3 साल की सजा का प्रावधान

By भाषा | Published: February 13, 2019 04:06 PM2019-02-13T16:06:43+5:302019-02-13T16:06:43+5:30

फिल्म या उसके किसी हिस्से की नकल, पायरेसी या डिजिटल आधार पर उसकी प्रति तैयार करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम कसने के लिए सरकार ने मंगलवार को एक विधेयक राज्यसभा में पेश किया।

bill in rajya sabha for rein in piracy 3 year sentence on violation of law | पायरेसी पर लगाम के लिए राज्यसभा में बिल पेश, 3 साल की सजा का प्रावधान

पायरेसी पर लगाम के लिए राज्यसभा में बिल पेश, 3 साल की सजा का प्रावधान

 फिल्म या उसके किसी हिस्से की नकल, पायरेसी या डिजिटल आधार पर उसकी प्रति तैयार करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम कसने के लिए सरकार ने मंगलवार को एक विधेयक राज्यसभा में पेश किया। इसमें इस तरह के अपराध करने वाले व्यक्तियों के लिए तीन साल तक की सजा और दस लाख रूपये तक का अर्थ दंड का प्रावधान किया गया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्द्धन राठौड़ ने इस प्रावधान वाले चलचित्र (संशोधन) विधेयक 2019 को उच्च सदन में पेश किया। इस विधेयक के जरिये मूल अधिनियम ‘चलचित्र कानून 1952’ में संशोधन का प्रावधान है।

विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि बदलते समय के साथ सिनेमा माध्यम, उसके उपकरणों, उससे जुड़ी प्रौद्योगिकी और उसके दर्शकों में भारी बदलाव आया है। बदलते समय के साथ फिल्मों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया में भी बदलाव की आवश्यकता है।

टेलीविजन चैनलों और देश भर में केबल नेटवर्कों के भारी विस्तार से भी सिनेमा के क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं। इसके अलावा नयी डिजिटल प्रौद्योगिकी, सिनेमा थिएटर जा कर फिल्म देखने वाले लोगों की संख्या में गिरावट, पायरेसी में बढ़ोत्तरी विशेषकर इंटरनेट पर फिल्मों के पायरेटेड संस्करण को जारी किए जाने की घटनाओं में वृद्धि, कॉपीराइट उल्लंघन आदि से न केवल सिनेमा उद्योग को भारी नुकसान हुआ है बल्कि सरकारी खजाने को भी हानि पहुंची है।

इन मुश्किलों से निपटने तथा फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग के निषेध के लिए 1952 के मूल चलचित्र कानून में कुछ बदलाव किए जाएंगे। इसमें एक नयी धारा 6एए डाली गई है। इसके तहत लेखक (निर्माता) की अनुमति के बिना फिल्म की किसी भी तरीके से फिल्म की प्रति नहीं बनाई जा सकेगी या उसका प्रसारण नहीं किया जा सकेगा। साथ ही मूल कानून की धारा सात में भी संशोधन किया गया है ताकि उपरोक्त धारा 6एए के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को तीन साल तक की सजा या 10 लाख रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजा दी जा सकेंगी।

Web Title: bill in rajya sabha for rein in piracy 3 year sentence on violation of law

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