बर्थडे स्पेशल: आशा भोसले की आवाज से प्यार कर बैठे आरडी बर्मन, संगीतमय है दोनों की लव स्टोरी
By मेघना वर्मा | Published: September 8, 2018 07:41 AM2018-09-08T07:41:27+5:302018-09-08T07:45:29+5:30
आरडी बर्मन ने आशा भोसले को नासिर हुसैन कि फिल्म तीसरी मंजिल में गाने के लिए संपर्क किया था।
सात दशकों से अपनी आवाज से आशा भोसले ने लोगों को दीवाना बना रखा है। 85 साल की आशा भोसले ने रोमांटिक से लेकर आइटम सांग्स तक गाये हैं। कुछ गाने लोगों के दिलों में घर कर गए तो कुछ इतिहास बन गए। अब आशा ताई का जन्मदिन हो और आरडी बर्मन के साथ उनकी संगीतमय लव स्टोरी पर चर्चा न की जाए ऐसा पॉसिबल नहीं। आज बात बॉलीवुड की इसी जोड़ी की जिन्होंने फिल्म जगत को कई बेहतरीन नगमे दिए हैं।
सिनेमा जगत में 12 हजार से भी ज्यादा गाना गाने वाली आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र में हुआ। मशहूर परिवार पंडित दीनानाथ मंगेश्कर के परिवार से जुड़ी आशा ताई के सिर से 9 साल की उम्र में ही पिता का साया उठ गया। परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को आशा और उनकी बड़ी बहन लता मंगेश्कर नें फिल्मों में अभिनय करके और गाना गाकर संभाली।
आशा ताई ने अपना पहला गाना 1948 में फिल्म चुनरिया के लिए गाया। सोलह साल की उम्र में अपने परिवार वालों के खिलाफ जाकर अपनी उम्र से पंद्रह साल बड़े गणपतराव भोसले से शादी कर ली। हालांकि ये शादी ज्यादा समय तक चल नहीं पाई और आशा ताई को वापस पुणे अपने परिवार के पास आना पड़ा। 1957 में आई फिल्म नया दौर को आशा भोसले की जिंदगी में बड़ा बदलाव कह सकते हैं। इस फिल्म में ओ पी नय्यर के गानों से आशा को बॉलीवुड में काफी नाम मिला।
जब 1956 में पंचम दा और आशा भोसले की पहली मुलाकात हुई थी तब तक आशा भोसले ने बॉलीवुड में अच्छी खासी पहचान बना ली थी। इस मुलाकात के लगभग 10 साल बाद आरडी बर्मन ने आशा भोसले को नासिर हुसैन कि फिल्म तीसरी मंजिल में गाने के लिए संपर्क किया। बस इसके बाद पंचम दा के संगीत और आशा ताई की आवाज का जादू बॉलीवुड पर ऐसा छाया की दोनों के बनाए और गाए गाने लोगों की जुबान पर चढ़ गए।
रिकॉर्डिंग के बाद एक दिन आरडी बर्मन ने आशा भोसले को प्रपोज करते हुए कहा कि मुझे तुम्हारी आवाज से प्यार हो गया है। बस आशा भोसले उनका इशारा समझ गई और उन्होंने झट से हां कह दिया। इसके बाद उन दोनों ने शादी कर ली।
आरडी बर्मन के रिश्तेदार खागेश देव बर्मन की किताब आरडी बर्मनः द प्रिंस ऑफ म्युजिक में जो बातें लिखी गई हैं उनका बहुत हद तक हकीकत से वास्ता है। पंचम दा और आशा की शादी दो सुरों का मेल थी। संगीत के ऐसे दो मशहूर शख्सियतों का संगम, जिनका दिल भी पहले से टूटा था...दोनों एक दूसरे से काफी अलग भी थे, पृष्ठभूमि भी अलग और उम्र का फासला भी, लेकिन वो दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने थे।