वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: पाकिस्तान पर ही ध्यान दें इमरान खान

By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 19, 2021 11:30 AM2021-03-19T11:30:52+5:302021-03-19T11:33:13+5:30

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से संबंधों को सहज बनाने की कोशिश करने का दिखावा बार-बार करते हैं लेकिन असलियत से पीछे हटते रहे हैं।

Vedpratap Vedic's Blog: Imran Khan should focus more on Pakistan than India | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: पाकिस्तान पर ही ध्यान दें इमरान खान

भारत की बजाय इमरान खान के लिए पाकिस्तान पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ अपने संबंधों को सहज बनाने की पहल का दिखावा किया है. उन्होंने इस्लामाबाद में आयोजित सुरक्षा-संवाद में बोलते हुए कहा कि भारत यदि पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बना ले तो उसे मध्य एशिया के पांचों राष्ट्रों तक पहुंचने की बड़ी सुविधा मिल जाएगी लेकिन यह तभी होगा जबकि भारत कश्मीर में जनमत-संग्रह कराने को तैयार हो. 

इमरान खान को शायद याद नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र के जनमत-संग्रह के प्रस्ताव को खुद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रद्द कर चुके हैं वह कभी का मर चुका है. खुद पाकिस्तान उसके लिए कभी तैयार नहीं हुआ है. 

उस प्रस्ताव के शुरू में कहा गया है कि पाक-कब्जे के कश्मीर में से पाक-फौजें और अफसर बिल्कुल हटें. क्या उन्हें पिछले 70 साल में कभी पाकिस्तान सरकार ने हटाने की कोशिश भी की है? इस्लामाबाद में जब प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने मुझसे जनमत-संग्रह की बात की थी तो मैंने उनसे यही सवाल पूछा था. वे चुप हो गईं.

जहां तक मध्य एशिया के राष्ट्रों से भारत के फायदे की बात है, इमरान बिल्कुल सही हैं. यदि भारत-पाक संबंध सहज हो जाएं तो भारत को पाकिस्तान से होकर आने-जाने का रास्ता मिल सकता है. मध्य एशिया के इन पांचों राष्ट्रों-उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और किर्गिस्तान में अपार खनिज संपदा भरी पड़ी है. 

तेल, गैस, लोहे, तांबे, एल्युमीनियम और कीमती पत्थरों के अनगिनत भंडार अभी तक अनछुए पड़े हैं. इन देशों में पिछले 50 साल में मैं कई बार जाकर रहा हूं. 1200 किमी लम्बी आमू दरिया (वक्षु सरिता) के किनारे मैं कई बार पैदल भी घूमा हूं. यदि इस क्षेत्र की खनिज-संपदा का हम दोहन कर सकें तो अगले पांच साल में भारत और पाकिस्तान यूरोप से भी अधिक धनवान बन सकते हैं. 

दोनों देशों के करोड़ों लोगों को रोजगार मिल सकता है. भारत की कोशिश है कि जो रास्ता उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान से होकर नहीं मिल रहा है, वह ईरान से होकर मिल जाए. ऐसा हुआ तो पाकिस्तान किनारे लग जाएगा. ऐसा न हो, इसके लिए जरूरी है कि इमरान खान आतंकवाद के खिलाफ बेहद सख्ती से पेश आएं. ऐसा हुआ तो भारत से ज्यादा पाकिस्तान का भला होगा.

Web Title: Vedpratap Vedic's Blog: Imran Khan should focus more on Pakistan than India

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