वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः खत्म हो यूक्रेन संकट

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: March 14, 2022 11:30 IST2022-03-14T10:19:23+5:302022-03-14T11:30:28+5:30

रूसी जनता को भी समझ में नहीं आ रहा कि इस हमले को पुतिन इतना लंबा क्यों खींच रहे हैं? जब जेलेंस्की ने नाटो से अपने मोहभंग की घोषणा कर दी है और यह भी कह दिया है कि यूक्रे न नाटो में शामिल नहीं होगा तो फिर अब बचा क्या है?

Vedpratap Vaidik blog Ukraine crisis should end | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः खत्म हो यूक्रेन संकट

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः खत्म हो यूक्रेन संकट

जब यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हुआ था तो ऐसा लग रहा था कि दो-तीन दिन में ही जेलेंस्की-सरकार धराशायी हो जाएगी और यूक्रेन पर रूस का कब्जा हो जाएगा लेकिन दो हफ्तों के बावजूद यूक्रेन ने अभी तक घुटने नहीं टेके हैं। उसके सैनिक और सामान्य नागरिक रूसी फौजियों का मुकाबला कर रहे हैं। इस बीच सैकड़ों रूसी सैनिक मारे गए हैं और उसके दर्जनों वायुयान तथा अस्त्र-शस्त्र मार गिराए गए हैं। यूक्रेनी लोग भी मर रहे हैं। यूक्रेन का इतना विध्वंस हुआ है कि उससे पार पाने में उसे कई वर्ष लगेंगे। अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र उसकी क्षति-पूर्ति के लिए करोड़ों-अरबों डॉलर दे रहे हैं।

रूसी जनता को भी समझ में नहीं आ रहा कि इस हमले को पुतिन इतना लंबा क्यों खींच रहे हैं? जब जेलेंस्की ने नाटो से अपने मोहभंग की घोषणा कर दी है और यह भी कह दिया है कि यूक्रे न नाटो में शामिल नहीं होगा तो फिर अब बचा क्या है? पुतिन अब भी क्यों अड़े हुए हैं? शायद वे चाहते हैं कि नाटो के महासचिव खुद यह घोषणा करें कि यूक्रेन को वे नाटो में शामिल नहीं करेंगे। इस झगड़े की जड़ नाटो ही है। नाटो के सदस्य यूक्रेन की मदद कर रहे हैं, यह तो अच्छी बात है लेकिन वे अपनी नाक नीची नहीं होने देना चाहते। लेकिन अमेरिका और नाटो अब भी संकोच करेंगे तो यह हमला और इसका प्रतिशोध लंबा खिंच जाएगा, जिसका बुरा असर सारी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। 

यूरोपीय राष्ट्रों को अभी तक रूसी गैस और तेल मिल रहा है। उसके बंद होते ही उनकी अर्थव्यवस्था लंगड़ाने लगेगी। एशियाई और अफ्रीकी राष्ट्र भी उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। जहां तक रूस का सवाल है, उसकी भी दाल पतली हो जाएगी। पुतिन के खिलाफ रूस के शहरों में प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं। पुतिन ने यूक्रेन में युद्धरत आठ कमांडरों को बर्खास्त कर दिया है। पुतिन को यह समझ में आ गया है कि कीव में थोपी गई कठपुतली सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगी। यूक्रेनी संकट के समापन का यह बिल्कुल सही समय है। रूसी और अमेरिकी खेमे, दोनों को अब यह सबक सीखना होगा कि एक फर्जी मुद्दे को लेकर इतना खतरनाक खेल खेलना उचित नहीं है।

Web Title: Vedpratap Vaidik blog Ukraine crisis should end

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