वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: युद्ध से बदलेगी विश्व की राजनीति

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: March 21, 2022 11:12 IST2022-03-21T11:11:00+5:302022-03-21T11:12:44+5:30

Russia-Ukraine War: युद्ध तुरंत बंद होना चाहिए वरना यूक्रेन का भयंकर नुकसान तो होगा ही, विश्व राजनीति भी हिचकोले खाए बिना नहीं रहेगी.

Vedpratap Vaidik blog: Russia Ukraine War will change the politics of world | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: युद्ध से बदलेगी विश्व की राजनीति

युद्ध से बदलेगी विश्व की राजनीति (फाइल फोटो)

हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय जज दलवीर भंडारी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने यूक्रेन के मामले में उन 13 जजों का साथ दिया है, जिन्होंने रूस से मांग की है कि वह यूक्रेन पर हमले तुरंत रोके. भारत सरकार ने स्पष्ट शब्दों में ऐसी मांग नहीं की है लेकिन वह भी यही चाहती है.

भंडारी के वोट को रूस-विरोधी इसलिए कहा जा सकता है कि वह उन राष्ट्रों के जजों के साथ मिलकर दिया गया है, जो रूस-विरोधी हैं. पुतिन का कुछ पता नहीं वे इस हमले को कब रोकेंगे. यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत के कई दौर चले हैं लेकिन अभी तक वे किसी अंजाम पर नहीं पहुंचे हैं. यह हमला द्रौपदी का चीर बन गया है.

मुझे ऐसा लगता है कि रूस इस मुख्य मुद्दे पर तो संतुष्ट हो गया है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा लेकिन जिस मुद्दे पर बात अभी तक लटकी हुई है, वह यह है कि रूस ने दोनात्स्क और लुहांस्क नामक जो दो नए स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा कर दी है उस पर यूक्रेन राजी नहीं हो रहा है. यूक्रेन को पता है, इन दोनों क्षेत्रों में रूसी मूल के लोग बहुसंख्यक हैं और वे यूक्रेनी सत्ता से स्वायत्त होकर पहले से ही रह रहे हैं. यदि वे यूक्रेन के साथ जुड़े रहे तो वे सिरदर्द ही सिद्ध होंगे. या तो उन्हें वह रूस को सौंपकर चिंतामुक्त हो जाए या फिर कोई ऐसा व्यवस्था बनवा ले कि पूरे दोनबास क्षेत्र से यूक्रेन और रूस के एक समान संबंध बन जाएं.

यह युद्ध तुरंत बंद होना चाहिए वरना यूक्रेन का भयंकर नुकसान तो होगा ही, विश्व राजनीति भी हिचकोले खाए बिना नहीं रहेगी. देखिए, यूक्रेन ने अमेरिका और चीन तथा भारत और चीन को एक ही जाजम पर ला खड़ा किया है. भारत और चीन दोनों ने यूक्रेन के सवाल पर तटस्थता दिखाई है. अब भारत ने रूसी तेल के लाखों बैरल भी खरीदने शुरू कर दिए हैं. 

यूरोपीय देशों की पूरी कोशिश है कि यह युद्ध बंद हो जाए, क्योंकि देर-सबेर उनकी रूसी गैस की सप्लाई रुक सकती है. भारत की आलोचना करने वाले अमेरिकी सीनेटरों से मैं पूछता हूं कि आपको भारत का रूस से तेल लेना इतना आपत्तिजनक क्यों लग रहा है, जबकि यूरोपीय राष्ट्रों को गैस की सप्लाई में रुकावट नहीं आई है.

Web Title: Vedpratap Vaidik blog: Russia Ukraine War will change the politics of world

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