वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: अमेरिका और यूरोप से भारत के लिए अच्छी खबर

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: February 22, 2021 10:53 IST2021-02-22T10:49:20+5:302021-02-22T10:53:13+5:30

जो बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप की वीजा-नीति को उलट दिया है. अब भारतीयों को कार्य-वीजा और ग्रीन कार्ड मिलना आसान होगा.

Vedapratap Vedic's blog: Good news for India from America and Europe | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: अमेरिका और यूरोप से भारत के लिए अच्छी खबर

अमेरिका में वीजा को लेकर ट्रंप सरकार के फैसले को जो बाइडन ने बदला (फाइल फोटो)

Highlightsजो बाइडेन-प्रशासन की दूसरी घोषणा अमेरिका की समग्र विश्व नीति के बारे में है.जो बाइडन ने कहा कि चीन की गलत और स्वार्थी नीतियों का डटकर मुकाबला किया जाएगा.

अमेरिका और यूरोप से भारत की दृष्टि से दो अच्छी खबरें आई हैं. एक तो अमेरिका की बेहतर वीजा नीति और दूसरी जी-7 राष्ट्रों की बैठक में से उभरी विश्वनीति. डोनाल्ड ट्रंप ने गोरे अमेरिकियों के वोट हासिल करने के लिए अपनी वीजा-नीति को काफी कठोर बनाने की घोषणा कर दी थी.

ताकि भारतीयों का अमेरिका में जाना घट जाए और जो वहां पहले से हैं, उन्हें लौटना पड़े और वयस्क होने पर उनके बच्चे भी वहां न टिक सकें. ट्रंप ने ऐसा दिखाने के लिए यह किया था कि यदि अमेरिका से भारतीय लोग वापस लौटेंगे तो उनके रोजगार गोरों को मिलेंगे.

हालांकि इसका विरोध होने पर चुनाव-अभियान के दौरान ही ट्रंप को झुकना पड़ा लेकिन बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप की वीजा-नीति को उलट दिया है. अब भारतीयों को कार्य-वीजा मिलना आसान होगा और ग्रीन कार्ड भी.

बाइडेन-प्रशासन की दूसरी घोषणा अमेरिका की समग्र विश्व नीति के बारे में है. यह घोषणा जी-7 देशों की दूर-बैठक (वर्चुअल मीटिंग) में हुई. इस बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, जापान और कनाडा ने भाग लिया.

इस बैठक में सबसे पहले तो सभी देशों के नेताओं ने कोरोना महामारी के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार का संकल्प किया. दूसरा, उन्होंने गरीब देशों को कोरोना का टीका बंटवाने की घोषणा की. अमेरिका ने 400 करोड़ रु . खर्च करने का वादा किया. एक विश्व-स्वास्थ्य संधि करने पर भी विचार किया गया.

तीसरा, अमेरिका ने पेरिस-जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की घोषणा की. चौथा, बाइडेन ने म्यूनिख सुरक्षा बैठक में कहा कि चीन की गलत और स्वार्थी नीतियों का डटकर मुकाबला किया जाएगा लेकिन बाइडेन का रवैया ट्रम्प की तरह आक्रामक नहीं था.

पांचवां, नाटो के 30 सदस्य-राष्ट्रों की पीठ थपथपाते हुए बाइडेन ने रूस और चीन के दांव-पेंचों से निपटने की घोषणा भी की. छठा, ईरान के साथ ट्रम्प द्वारा तोड़े गए 2015 के परमाणु-समझौते को पुनर्जीवित करने की भी घोषणा हुई.

भारत को इससे काफी आर्थिक और सामरिक लाभ होगा. सातवां, जब चीन पर अमेरिका और यूरोप लोकतांत्रिक बनने का दबाव डालेंगे तो उस दबाव का असर भारत-चीन संबंधों पर पड़ेगा. भारत उसका फायदा उठा सकता है.

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Good news for India from America and Europe

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे