वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: पाकिस्तान की बुनियाद ही गलत!
By वेद प्रताप वैदिक | Published: December 2, 2018 08:53 PM2018-12-02T20:53:29+5:302018-12-02T20:53:29+5:30
पाकिस्तान इस्लाम के आधार पर बना था, लेकिन उसके निर्माता जिन्ना ने अपने भाषणों में कई बार कहा कि अब पाकिस्तान में मजहब के आधार पर कोई भेदभाव न किया जाए। लेकिन पाकिस्तान अब भी कश्मीर का सवाल सिर्फ इसीलिए उठाता रहता है कि कश्मीर के अधिकतर लोग मुसलमान हैं।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पाकिस्तान खुद को पहले धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) बनाए, तभी भारत से उसके संबंध सुधर सकते हैं। ऐसी बुनियादी बात किसी नेता ने कभी कही हो, मुङो याद नहीं पड़ता। इसमें शक नहीं कि पाकिस्तान दुनिया का एकमात्न राष्ट्र है, जो मजहब के आधार पर बना है। पाकिस्तान के बाद 1948 में इजराइल बना लेकिन वह धर्म के आधार पर नहीं बना। वह वंश के आधार पर बना।
पाकिस्तान इस्लाम के आधार पर बना था, लेकिन उसके निर्माता जिन्ना ने अपने भाषणों में कई बार कहा कि अब पाकिस्तान में मजहब के आधार पर कोई भेदभाव न किया जाए। लेकिन पाकिस्तान अब भी कश्मीर का सवाल सिर्फ इसीलिए उठाता रहता है कि कश्मीर के अधिकतर लोग मुसलमान हैं। यदि पाकिस्तान के लोग जनरल रावत की बात मान लें तो कश्मीर का विवाद अपने आप ही खत्म हो जाए। लेकिन इस बात को पूर्वी पाकिस्तान ने मनवा ही दिया।
वह 1971 में बांग्लादेश क्यों बन गया? वह मुस्लिम इलाका होते हुए भी पाकिस्तान से टूटकर अलग क्यों हो गया? मजहब ही सबको जोड़ने वाला गोंद होता तो पाकिस्तान के बलूच, सिंधी, पठान और पंजाबी लोग सब एकजुट होकर क्यों नहीं रहते हैं? उनमें अलगाववाद के आंदोलन क्यों चलते रहते हैं? पाकिस्तान में हम मजहबी जुनून तो देखते ही हैं, वहां ऊंच-नीच और छुआछूत भी वैसी ही चलती है, जैसी कि भारत में है।
सच्चाई तो यह है कि पाकिस्तान की बुनियाद ही गलत है। गलत बुनियाद पर खड़ा यह महल सदा कांपता ही रहता है। वह सतत भूकंप की स्थिति में रहता है। यदि उसके हाथ में भारत-विरोध की छड़ी नहीं रहती तो शायद अभी तक वह जिंदा भी नहीं रह पाता। कश्मीर तो उसके लिए इन्सुलिन के इंजेक्शन का काम करता है। पाकिस्तान को मजबूत राष्ट्र बनना है तो उसे अपने यहां भेदभाव खत्म करने होंगे।