टैरिफ के बाद एक और मुद्दे पर उलझे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प?, हार्वर्ड विश्वविद्यालय में हस्तक्षेप से उपजता असंतोष
By शोभना जैन | Updated: April 18, 2025 05:10 IST2025-04-18T05:10:53+5:302025-04-18T05:10:53+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प की इस रोक का हार्वर्ड के कामकाज पर बुरा असर पड़ा है, शैक्षणिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं, शोध कार्य ठप हो गया है, प्रोफेसरों के अनुबंधों को खत्म किया जा रहा है.

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टैरिफ जैसे अहम मुद्दे के साथ ही अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विवादों में उलझे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश के जाने-माने हार्वर्ड सहित अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. ट्रम्प ने अब हार्वर्ड और कुछ अन्य संस्थानों को दी जाने वाली फंडिंग रोकने के आदेश दिए हैं, जिससे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में ट्रम्प के राजनैतिक हस्तक्षेप से भारी असंतोष है. ट्रम्प इस मामले में लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. ट्रम्प ने हार्वर्ड को मिला कर मुक्त दर्जा भी वापस लिए जाने की धमकी दी है.
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प की इस रोक का हार्वर्ड के कामकाज पर बुरा असर पड़ा है, शैक्षणिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं, शोध कार्य ठप हो गया है, प्रोफेसरों के अनुबंधों को खत्म किया जा रहा है, देश-विदेश से इन विश्वविद्यालयों में आकर पढ़ रहे छात्रों या यहां आकर पढ़ने के इच्छुक छात्रों का सपना अधर में लटक गया है.
ट्रम्प प्रशासन का आरोप है कि विद्यालय अपने यहां अवैध तथा अनैतिक, भेदभावपूर्ण गतिविधियां चला रहे हैं जबकि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और छात्रों का कहना है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है. इसे जब न्यायालय में चुनौती दी जाएगी तो यह अवैध करार दे दिया जाएगा. ट्रम्प के इस तरह के आदेश का यहां के ऐसे अनेक विश्वविद्यालयों ने कड़ा विरोध जताया है.
एक अन्य प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय ने इस फरमान के कुछ हिस्सों को मान लिया है लेकिन साथ ही कहा है कि कुछ शैक्षणिक स्वतंत्रता पर यह आदेश लागू नहीं होता है. दूसरी तरफ प्रिंसटन, स्टेनफोर्ड के अधिकारियों ने खुलकर हार्वर्ड के साथ आवाज उठाई है तथा शैक्षणिक कार्यक्रमों का स्वरूप पूरी तरह से बदले जाने अथवा सरकारी ग्रांट बंद किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है.
कोलंबिया विश्वविद्यालय से 40 करोड़ डॉलर की संघीय फंडिंग वापस ली जा चुकी है. ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया पर यहूदी विरोधी भावना से लड़ने और अपने परिसर में यहूदी छात्रों की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था. इसके तुरंत बाद, कोलंबिया ने प्रशासन की कई मांगों पर सहमति व्यक्त कर दी थी. विश्वविद्यालय के इस कदम की कुछ छात्रों और शिक्षकों ने आलोचना की थी.
लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने कहा था अगर विश्वविद्यालयों को संघीय वित्त पोषण हासिल करना है, तो उन्हें सभी संघीय भेदभाव विरोधी कानूनों का पालन करना होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा था कि यूनिवर्सिटी अपने प्रशासन, भर्ती और दाखिले की प्रक्रियाओं में बदलाव करे. हार्वर्ड ने दो दिन पहले ही इन मांगों को खारिज करते हुए कहा था कि व्हाइट हाउस उस पर नियंत्रण की कोशिश कर रहा है.
अब जबकि हार्वर्ड और ट्रम्प प्रशासन इस मामले पर आमने-सामने डटे हैं ट्रम्प इस तरह के आदेश को लागू करने पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं, जबकि हार्वर्ड भी अपनी स्वायत्तता के साथ कोई समझौता करने को तैयार नहीं है. देखना होगा कि आगे क्या होता है.