शोभना जैन का ब्लॉग: चीन के प्रति देश की नीति में बदलाव जरूरी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 16, 2019 12:28 PM2019-03-16T12:28:43+5:302019-03-16T12:28:43+5:30

चीन ने एक बार फिर पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है।

Shobhana Jain's blog: Changes in the country's policy towards China are important. | शोभना जैन का ब्लॉग: चीन के प्रति देश की नीति में बदलाव जरूरी

शोभना जैन का ब्लॉग: चीन के प्रति देश की नीति में बदलाव जरूरी

पिछले कुछ वर्षो में चीन के साथ संबंध सुधारने के भारत के तमाम सकारात्मक प्रयासों के बावजूद  चीन ने फिर वही किया जिसका उससे अंदेशा था। चीन ने एक बार फिर पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। विश्व संस्था द्वारा इस सरगना के आतंकी संगठन को 2001 में ही आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बावजूद चीन ने यह अड़ंगा चौथी बार लगाया है। निश्चय ही इन तमाम हालात में भारत को चीन के प्रति अपने रवैये में बदलाव के बारे में सोचना होगा।  

दरसल इस बार चीन का यह कदम इसलिए भी और गंभीर हो जाता है कि अभी तक भारत  आतंकी गुट और उसके सरगना अजहर के खिलाफ भारत में हुए आतंकी हमलों में लिप्त होने के बारे में जो तमाम सबूत और जानकारी देता रहा था, उस पर  चीन का कहना होता था कि आतंकी के खिलाफ पर्याप्त जानकारी नहीं है। इस बार पुलवामा हमले के बाद भारत ने अमेरिका, इंग्लैंड और चीन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जुड़े सदस्य देशों के पास सबूत के डोजियर भेजे, जिस के बाद तीनों विकसित देशों सहित अनेक देशों ने उसे आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया। लेकिन चीन का रुख वही ‘ढाक के तीन पात’ वाला रहा। ऐसे में समझ लेना जरूरी है कि भारत  ने भले ही अप्रैल 2018 में ‘वुहान औपचारिक शिखर बैठक’ के जरिये संबंधों में सुधार लाने की पहल की हो लेकिन पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे सीमापार आतंक पर भारत की चिंताओं का चीन पर कोई असर नहीं है।

हालांकि भारत इस वक्त चुनावी मोड में है लेकिन विदेश नीति एक सतत प्रक्रिया है। ऐसे में भारत को अब चीन के प्रति अपना रवैया कुछ बदलना होगा। चीन भारत के साथ दोहरे मापदंड अपनाता रहा है और चाहता है कि भारत उसके रुख का सम्मान करे। भारत सीमा विवाद ङोल रहे अपने इस पड़ोसी के साथ संबंध सामान्य बनाने की मंशा से उसके साथ संबंधों में सतर्कता बरतते हुए कई मर्तबा यथास्थिति पर आंख मूंदने वाला रवैया अख्तियार करता भी रहा है। ताइवान और तिब्बत के बारे में चीन की संवेदनाओं के प्रति भारत तो अपनी प्रतिक्रिया में सतर्कता बरतता रहा है लेकिन चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ, सीमा का अतिक्र मण जैसे अनेक कदमों से आपसी भरोसे को खत्म करता रहा है। वह पाकिस्तान में अजहर जैसे आतंकी को बचा कर सीमापार के आतंक के प्रति भारत की चिंताओं की धज्जियां उड़ाता है, तो वहीं दूसरी ओर अपने यहां मुसलमानों के मानवाधिकारों का हनन करता रहा है। आर्थिक रिश्तों की बात करें तो चीन के साथ व्यापार में भी अब भारत जस का तस रवैया अपनाए, तभी सही रहेगा। जरूरत है कि अब भारत पाकिस्तान के सीमापार के आतंक को लेकर अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमेटिक दबाव बढ़ाए और अपने सुरक्षा तंत्र को अधिक मजबूत करे। 

Web Title: Shobhana Jain's blog: Changes in the country's policy towards China are important.

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