Putin Trump Meeting: अलास्का में दिखी गर्मजोशी लेकिन लेकिन असमंजस कायम
By शोभना जैन | Updated: August 18, 2025 05:29 IST2025-08-18T05:29:31+5:302025-08-18T05:29:31+5:30
Putin Trump Meeting: शांति वार्ता के पहले चरण में जिस यूक्रेन को लेकर अलास्का में अमेरिका और रूस के बीच शिखरस्तरीय बैठक में चर्चा हो रही थी उसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को शामिल नहीं किया गया.

file photo
गत पंद्रह अगस्त को अमेरिका के अलास्का संयुक्त सैन्य अड्डे पर आकाश से जमीन तक तैनात सैन्य विमानों के बीच ‘शांति की ओर’ के स्लोगन तले, अमेरिकी राट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन मिले. उनके बीच बातचीत में ट्रम्प को तत्काल रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध विराम किए जाने की मांग को तो छोड़ना पड़ा लेकिन उन्होंने बातचीत को सकारात्मक बताया. वहीं पुतिन ने भी इसे लाभप्रद बताया. हालांकि कहा जा रहा है कि जिस तरह से ट्रम्प तुरंत युद्ध विराम की बात पर अड़े थे, उसके चलते बातचीत बेनतीजा ही मानी जाएगी.
वैसे शांति वार्ता के पहले चरण में जिस यूक्रेन को लेकर अलास्का में अमेरिका और रूस के बीच शिखरस्तरीय बैठक में चर्चा हो रही थी उसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को शामिल नहीं किया गया, ऐसे में समझा जा सकता हैं कि जेलेंस्की की गैरमौजूदगी में उससे जुड़ा कोई बड़ा फैसला कैसे हो सकता था.
अब सम्भवतः दोनों शिखर नेताओं के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा देने के लिए ट्रम्प ने अपनी तुरत-फुरत फैसले लेने की कार्यशैली के अनुरूप आज सोमवार को जेलेंस्की को वाशिंगटन आमंत्रित किया है. साथ ही उन्होंने अन्य यूरोपीय नेताओं को भी जेलेंस्की के साथ आने का न्यौता दिया है.
रूस का निरंतर दबाव रहा है कि यूक्रेन तटस्थ रवैया अपनाए, अपने सैन्यीकरण को कम करे, तीन वर्ष में उसने इस युद्ध में जितने यूक्रेनी इलाके पर कब्जा किया है उन्हें उसका हिस्सा माना जाए और यूक्रेन को नाटो संगठन में शामिल न किया जाए, जिसे रूस अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है. यूरोपीय यूनियन के अनेक नेताओं ने एक साझा बयान जारी कर यूक्रेन की संप्रभुता के प्रति अपना अटूट समर्थन दोहराया है. इन देशों ने कहा कि रूस यह तय नहीं कर सकता कि यूक्रेन भविष्य में नाटो या यूरोपीय संघ से कैसे जुड़ेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि रूस पर तब तक कड़े आर्थिक प्रतिबंध और दबाव बनाए रखा जाएगा जब तक यूक्रेन में ‘न्यायपूर्ण और स्थायी शांति’ स्थापित नहीं हो जाती. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसे नेताओं ने भले ही डोनाल्ड ट्रम्प की पुतिन से मुलाकात की पहल की तारीफ की, लेकिन साफ तौर पर कहा कि किसी भी बातचीत में यूक्रेन के लिए ठोस सुरक्षा गारंटी देनी होगी.
इस बैठक से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि इससे यूक्रेन संघर्ष खत्म करने की दिशा में कोई ठोस रास्ता निकलेगा. लेकिन न तो तुरंत युद्धविराम पर कोई सहमति बनी और न ही स्थाई शांति समझौते का ऐलान हुआ. मुलाकात के बाद ट्रम्प और पुतिन ने संयुक्त तौर पर बयान तो दिया,
लेकिन किसी ठोस नतीजे की जानकारी साझा नहीं की. पश्चिमी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन को अलास्का में अपनी सभी अपेक्षाओं के अनुरूप नतीजे मिले. इसके उलट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को बहुत कम सफलता मिली, खासकर अगर उनकी अपनी बैठक से पहले की उम्मीदों से तुलना की जाए.