प्रमोद भार्गव का ब्लॉगः चोरी के परमाणु हथियारों से ताकत बढ़ाता पाक
By प्रमोद भार्गव | Published: January 20, 2020 12:25 PM2020-01-20T12:25:05+5:302020-01-20T12:25:05+5:30
दिलचस्प बात है कि सोलह साल पहले पाकिस्तान के चर्चित वैज्ञानिक एक्यू खान को परमाणु तस्करी में पकड़ा गया था. खान ने डच कंपनी से यूरेनियम संवर्धन में इस्तेमाल होने वाली सेंट्रीफ्यूज मशीन का डिजाइन चोरी कर पाकिस्तान को परमाणु हथियार विकसित करने लायक बना दिया था.
विज्ञान एवं परमाणु तकनीक के मजबूत आधार के बिना ही परमाणु शक्ति बना पाकिस्तान एक बार फिर संवेदनशील परमाणु और मिसाइल तकनीक की चोरी में पकड़ा गया है. अमेरिका की एक अदालत ने रावलपिंडी की ‘बिजनेस वर्ल्ड’ नामक पाकिस्तानी फ्रंट कंपनी से जुड़े पांच लोगों को पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के लिए तकनीक व उपकरण चोरी के मामले में आरोपी बनाया है.
अमेरिका के न्याय विभाग के अनुसार कनाडा, हांगकांग और यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले पांच लोग फ्रंट कंपनियों की अंतर्राष्ट्रीय खरीद का नेटवर्क चलाते थे. ये कंपनियां पाक के एडवांस इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन व पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के लिए अमेरिका के संवेदनशील उपकरण खरीदते थे और नेटवर्क के जरिए उन्हें बिना किसी निर्यात लाइसेंस के गैर-कानूनी ढंग से पाकिस्तान को भेज देते थे. दस्तावेजी साक्ष्यों से इस चोरी के रहस्य का खुलासा हुआ है.
इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सहायक जॉन सी डेमर्स ने कहा है, ‘ये पांचों लोग अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. यह अभियोग इस बात का उदाहरण है कि अमेरिका के संस्थानों को ऐसी धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरत है.’ गौरतलब है कि अब से ठीक 16 साल पहले पाकिस्तानी मूल के वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कादिर खान ने यूरोपीय देशों से परमाणु तकनीक चुराकर पाकिस्तान, लीबिया, उत्तर कोरिया और ईरान को दी थी.
इन आरोपियों ने चालाकी बरतते हुए असली खरीदार पाकिस्तान का नाम छुपाने के लिए फ्रंट कंपनियों को उपकरणों का खरीदार और अंतिम उपभोक्ता बताया. जबकि इन उपकरणों को पाकिस्तान भेजा गया था. अमेरिका ने इस हरकत को न केवल निर्यात कानूनों का उल्लंघन माना है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और क्षेत्र में राष्ट्रों के बीच नाजुक शक्ति संतुलन के लिए भयानक खतरा माना है.
दिलचस्प बात है कि सोलह साल पहले पाकिस्तान के चर्चित वैज्ञानिक एक्यू खान को परमाणु तस्करी में पकड़ा गया था. खान ने डच कंपनी से यूरेनियम संवर्धन में इस्तेमाल होने वाली सेंट्रीफ्यूज मशीन का डिजाइन चोरी कर पाकिस्तान को परमाणु हथियार विकसित करने लायक बना दिया था. बाद में पाक ने यह तकनीक उत्तर कोरिया, लीबिया और ईरान को भी बेची थी.
उत्तर-कोरिया में जहां इन हथियारों का रिमोट तानाशाह किम जोंग उन के हाथ में है, वहीं पाकिस्तान, लीबिया व ईरान आतंकवाद से ग्रस्त देश हैं. पाकिस्तान में परमाणु हथियार कभी भी आतंकियों के हाथ में पहुंच सकते हैं. ऐसे में भारत के लिए खतरा बढ़ जाएगा.