इमरान का स्वागत क्यों नहीं?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 31, 2018 04:11 AM2018-07-31T04:11:25+5:302018-07-31T04:11:25+5:30
इमरान खान के उस बयान पर अभी तक मौन साधा हुआ है, जो उन्होंने चुनाव के बाद दिया था। उन्होंने कहा था कि वे भारत से व्यापार बढ़ाना चाहते हैं और कश्मीर का सवाल बातचीत से हल करना चाहते हैं।
दूसरे, उसने उम्मीद जाहिर की है कि नई सरकार हिंसा और आतंकवाद पर रोक लगाएगी। लेकिन हमारी सरकार ने इमरान खान के उस बयान पर अभी तक मौन साधा हुआ है, जो उन्होंने चुनाव के बाद दिया था। उन्होंने कहा था कि वे भारत से व्यापार बढ़ाना चाहते हैं और कश्मीर का सवाल बातचीत से हल करना चाहते हैं। यदि भारत एक कदम बढ़ाएगा तो हम दो बढ़ाएंगे। भारत सरकार का ठिठकना मुङो समझ में आता है, क्योंकि सारी दुनिया मानकर चल रही है कि इमरान खान फौज के मोहरे हैं। लेकिन क्या पता कि जल्दी ही वे खुद-मुख्तार की तरह पेश आने लगें।
भारत सरकार एक पासा फेंककर क्यों नहीं देखती? इमरान का खुले-आम स्वागत क्यों नहीं करती? उन्हें भारत-यात्ना का निमंत्नण क्यों नहीं देती? क्या मालूम इमरान फौज का रवैया बदलने में ही कामयाब हो जाएं? इमरान के बोल के जवाब में भारत को भी बोल ही तो बोलना है। बोल में भी कोताही किस बात की? जहां तक पाकिस्तान की चुनावी-धांधली का प्रश्न है, यह मामला गंभीर रूप धारण कर सकता है लेकिन यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है। भारत इस फटे में अपना पांव क्यों फंसाए? इमरान जब शपथ लें तो उनके खिलाड़ी मित्नों और निजी परिचित भारतीयों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे इस्लामाबाद जरूर जाएं।
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