पाकिस्तान के टुकड़े क्या भला करेंगे?, 12 छोटे टुकड़ों में बांटना चाहते हैं आसिम मुनीर?

By राजेश बादल | Updated: December 12, 2025 05:48 IST2025-12-12T05:48:52+5:302025-12-12T05:48:52+5:30

सब्जियों की बात करें तो टमाटर 600 रुपए किलो, अदरक 750 रुपए किलो, लहसुन 450 रुपए किलो, हरी मटर 500 रुपए किलोग्राम, प्याज 130 से 150 रुपए किलो, भिंडी 300 रुपए किलो और आलू 200 रुपए किलोग्राम के आसपास है.

Pakistan division any good to it Asim Munir wants divide 12 small pieces blog rajesh badal | पाकिस्तान के टुकड़े क्या भला करेंगे?, 12 छोटे टुकड़ों में बांटना चाहते हैं आसिम मुनीर?

file photo

Highlightsसिंध प्रांत पर 4.67 अरब डॉलर, खैबर पख्तूनख्वा पर 2.77 अरब डॉलर और बलूचिस्तान पर 371 मिलियन डॉलर का ऋण बकाया है.पाकिस्तान की कुल आमदनी का 48 प्रतिशत कर्ज चुकाने में चला जाता है.करीब 20 प्रतिशत फौज और रक्षा संसाधनों पर खर्च होता है. शेष 30 में से 25 प्रतिशत स्थापना व्यय है.

पाकिस्तान के चक्रवर्ती शासक बने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अब अपने अश्वमेध यज्ञ की तैयारी कर रहे हैं. वे अब एक ऐसा मुल्क बनाना चाहते हैं जो हमेशा फौज की कठपुतली बना रहे और कोई भी सियासी पार्टी अथवा सरकार उसके सामने मुश्किल खड़ी नहीं कर सके. वे अब पाकिस्तान को 12 छोटे टुकड़ों में बांटना चाहते हैं. तर्क यह दिया जा रहा है कि छोटे प्रदेश बनाने से विकास की गति तेज होती है. उनके नुमाइंदे हिंदुस्तान समेत आसपास के अनेक देशों का उदाहरण देकर अवाम के बीच इस तरह से पक्ष रख रहे हैं मानो छोटे राज्य बना देने से करोड़ों लोगों की किस्मत खुल जाएगी.

वे यक-ब-यक मालामाल हो जाएंगे. पाकिस्तान के राजनीतिक दल इस पर आपस में द्वंद्व कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी पार्टी देश के पुनर्गठन के पक्ष में है, लेकिन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का दल इस प्रस्ताव का सख्त विरोध कर रहा है. दरअसल रविवार को शेखूपुरा में सरकार में शामिल पार्टी इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान का बड़ा जलसा हुआ था.

 इस पार्टी के कोटे से केंद्र सरकार में संचार मंत्री अब्दुल अलीम खान ने आसिम मुनीर की इस खुफिया योजना का भंडाफोड़ कर दिया. वे फील्ड मार्शल के बेहद निकट हैं.  अलीम खान ने कहा कि सिंध और पंजाब में तीन-तीन नए प्रदेश बनाए जाएंगे और इसी तरह का बंटवारा बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों का किया जाएगा.

अलीम खान के इस बयान ने हड़कंप मचा दिया. नवाज शरीफ की गठबंधन सरकार में शामिल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी विरोध की मुद्रा में आ गई. सिंध के सूबे में उनकी सरकार है. वहां के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने अप्रत्यक्ष रूप से आसिम मुनीर को धमकी दे दी. उन्होंने कहा कि सिंध को बांटने की ताकत सिर्फ अल्लाह के पास है और पाकिस्तान में कोई अल्लाह से ऊपर नहीं है.

मुराद अली ने लोगों से कहा कि यह एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देना चाहिए. पीपीपी के अलावा अवामी नेशनल पार्टी तथा बलूचिस्तान की लगभग सभी सियासी पार्टियां इसके विरोध में हैं. पाकिस्तान के वित्तीय मामलों के जानकार इस फैसले को आत्मघाती मानते हैं. वे कहते हैं कि इससे केवल सेना का मंसूबा पूरा होगा. देश दशकों पीछे चला जाएगा.

वे कहते हैं कि पाकिस्तान की कुल आमदनी का 48 प्रतिशत कर्ज चुकाने में चला जाता है. इसके बाद करीब 20 प्रतिशत फौज और रक्षा संसाधनों पर खर्च होता है. शेष 30 में से 25 प्रतिशत स्थापना व्यय है. यानी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सरकार, मंत्रियों और अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन भत्तों में चला जाता है. बचे 5 फीसदी धन में से प्रस्तावित 7 नए प्रदेशों पर फूंका जाएगा.

हालांकि आर्थिक अनुमान के मुताबिक नए राज्यों के ढांचा निर्माण और उनके कर्मचारियों के वेतन पर लगभग 13 प्रतिशत भार पड़ेगा. तात्पर्य यह कि पाकिस्तान के पास मुल्क की तरक्की तथा अवाम के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए कोई पैसा नहीं बचता. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर पाकिस्तान बमुश्किल एक प्रतिशत खर्च करता है.

कहा जा सकता है कि बीते 78 साल में पाकिस्तान की आदत कर्ज लेकर घी पीने की हो गई है. अब तक उसका कुल कर्ज 25.66 लाख करोड़ रुपए है. पाकिस्तान के वर्तमान प्रदेशों की माली हालत भी कोई बहुत अच्छी नहीं है. पंजाब पर लगभग 6.50 अरब डॉलर का ऋण है, जो सभी राज्यों में सर्वाधिक है.

इसी तरह सिंध प्रांत पर 4.67 अरब डॉलर, खैबर पख्तूनख्वा पर 2.77 अरब डॉलर और बलूचिस्तान पर 371 मिलियन डॉलर का ऋण बकाया है.  इसका मतलब यह हुआ कि नए प्रदेश भी कोई पहले दिन से मुनाफे में नहीं रहने वाले हैं. सबको कर्ज के जाल में फंसना ही होगा. मोटा अनुमान यह है कि कर्ज का ब्याज चुकाने में पाकिस्तान को कई दशक लग जाएंगे.

यही कारण है कि वहां हुकूमतों को अब आम आदमी की चिंता नहीं होती. आम आदमी को दूध लगभग 225 रुपए लीटर मिलता है, डीजल करीब 275 रुपए लीटर, चावल 200 से 400 रुपए और शक्कर 200 रुपए किलोग्राम मिलती है. यदि सब्जियों की बात करें तो टमाटर 600 रुपए किलो, अदरक 750 रुपए किलो, लहसुन 450 रुपए किलो, हरी मटर 500 रुपए किलोग्राम, प्याज 130 से 150 रुपए किलो, भिंडी 300 रुपए किलो और आलू 200 रुपए किलोग्राम के आसपास है. सोचने वाली बात है कि आमदनी बढ़ नहीं रही है. फिर नए राज्यों का स्थापना व्यय बर्दाश्त करना कितना मुश्किल होगा?

व्यक्तिगत तौर पर मैं भी यह मानता हूं कि छोटे प्रदेशों का विकास तेज होता है. भारत में केरल, हिमाचल, हरियाणा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्य इसका शानदार नमूना हैं. लेकिन इन राज्यों के गठन को पाकिस्तान के लिए सकारात्मक प्रेरणा नहीं माना जा सकता. अगर हुकूमत का इरादा वास्तव में अपने देश की खुशहाली और तरक्की है तब तो छोटे राज्यों का निर्माण सार्थक है.

लेकिन यदि उसके पीछे ताकत के दम पर राज करने की मंशा हो तो ऐसे सारे प्रयोग बेकार साबित होते हैं. पाकिस्तान के संदर्भ में कुछ ऐसा ही है. नए-नवेले फील्ड मार्शल की मंशा यह दिखाई देती है कि अधिक प्रदेश हों और उनमें राजनीतिक दल कुकुरमुत्ते की तरह उगाए जाएं.  यह पाकिस्तान की बड़ी पार्टियों को रास नहीं आएगा.

उनकी दुकान धीरे-धीरे सिकुड़ती जाएगी और सेना को नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो और इमरान खान की तीन बड़ी पार्टियों को पिंजरे में बंद करने का अवसर मिल जाएगा.  बारीक और महीन सियासी दलों का गुच्छा फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के इशारों पर नाचता रहेगा. उन्हें और क्या चाहिए?

पाकिस्तान में बहुदलीय लोकतंत्र बना रहेगा और राजनीतिक दलों को फौज पर गुर्राने का अवसर भी नहीं मिलेगा. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तरह कोई भी सेना पर आक्रामक नहीं हो सकेगा क्योंकि कुकुरमुत्ता पार्टियां तो सेना के इशारे पर ही नर्तन करती रहेंगी.        

Web Title: Pakistan division any good to it Asim Munir wants divide 12 small pieces blog rajesh badal

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे