नेपाल: साधन से साध्य बनता सोशल मीडिया

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 13, 2025 07:28 IST2025-09-13T07:27:17+5:302025-09-13T07:28:29+5:30

इस पीढ़ी के लिए शिक्षा, सक्रियता, संबंध, एक्टिविज्म, जीवन, दिनचर्या सबकुछ सोशल मीडिया है.

Nepal Social media becomes an end from means | नेपाल: साधन से साध्य बनता सोशल मीडिया

नेपाल: साधन से साध्य बनता सोशल मीडिया

डॉ. अमृता सिंह

नेपाल में हुए आंदोलन और उसके बाद हुई हिंसा ने डिजिटल दुनिया की कई परतें खोली हैं और डिजिटल तकनीक की ओर बढ़ती हुई मानवता को थोड़ा ठहर कर सोचने पर मजबूर किया है. इस आंदोलन ने एक बार फिर दुनिया को समझाया कि सोशल मीडिया सूचनाओं को प्रचारित और प्रसारित करने का माध्यम ही नहीं है, बल्कि लाइफ स्टाइल है जो युवाओं के व्यक्तित्व का निर्माण कर रहा है. शायद इसीलिए इस आंदोलन में युवाओं का एक चेहरा नजर आया जिसका नाम था जेन-जी.

नेपाल का आंदोलन 2010/11 में हुए अरब स्प्रिंग की याद दिलाता है. दोनों ही अलग दौर के आंदोलन थे, एक आंदोलन मिलेनिअल्स ने रचा था और दूसरा आंदोलन जेन-जी का है. दोनों आंदोलनों में जेनरेशन गैप साफ दिखता है. लेकिन दोनों के मूल में सोशल मीडिया है. वास्तव में दोनों आंदोलन सोशल मीडिया के साधन से साध्य बनने की कहानी कहते हैं.

अरब स्प्रिंग, जिसे जैस्मिन क्रांति या अरब क्रांति के नाम से भी जाना जाता है, 2010/11 में मुख्य रूप से मिडिल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका के ट्यूनीशिया, मिस्र, यमन, बहरीन, लीबिया, सीरिया देशों में हुआ. नेपाल आंदोलन की तरह इसके मूल में भी भ्रष्टाचार और तात्कालिक सत्ता से असंतोष ही था, जिसके जरिये तनाशाही हटाकर लोकतंत्र बहाल करने की कोशिश की गई.

अरब स्प्रिंग में सोशल मीडिया की अग्रणी भूमिका रही. फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और ब्लॉगर्स ने इस आंदोलन को गति दी, जो लोगों को संगठित करने और तत्काल प्रभावी नेटवर्क बनाने में सक्षम हुए. इस आंदोलन में सोशल मीडिया ने ईंधन का काम किया और दुनिया को बताया कि समाजिक क्रांति या बदलाव में सोशल मीडिया कितना बड़ा साधन हो सकता है.

लेकिन नेपाल आंदोलन का अनुभव अरब स्प्रिंग से बिल्कुल ही उलट रहा. दरअसल नेपाल के युवा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे. इसी बीच नेपाल सरकार छब्बीस सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगा देती है, जिसे वहां के युवाओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन माना. देखा जाए तो सोशल मीडिया जेन-जी के लिए अभिव्यक्ति से कहीं ज्यादा है. इस पीढ़ी के लिए शिक्षा, सक्रियता, संबंध, एक्टिविज्म, जीवन, दिनचर्या सबकुछ सोशल मीडिया है.

जिस प्लेटफार्म पर न होने से ये फोमो यानी फीयर ऑफ मिसिंग आउट के शिकार हो जाते हैं, उस प्लेटफार्म के प्रतिबंधित होने ने उन्हें इस कदर विचलित किया कि वो हिंसक तक हो गए.

अरब स्प्रिंग के समय जो सोशल मीडिया साधन था, आज वही सोशल मीडिया जेन-जी का साध्य है, उनका लक्ष्य है. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध इन युवाओं के लिए उस साध्य पर प्रतिबंध था जिसके साथ वे अपना विकास कर रहे थे.

Web Title: Nepal Social media becomes an end from means

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