ब्लॉग: अपने स्वार्थ के लिए देश का नुकसान कर रहे ट्रूडो 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 16, 2024 10:22 IST2024-10-16T10:22:11+5:302024-10-16T10:22:55+5:30

इसीलिए भारत के बार-बार मांग करने के बावजूद उन्होंने भारत को वांछित सिख चरमपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है, उल्टे उन्हें बढ़ावा देते रहे हैं।

Justin Trudeau is harming the country for his own selfishness | ब्लॉग: अपने स्वार्थ के लिए देश का नुकसान कर रहे ट्रूडो 

ब्लॉग: अपने स्वार्थ के लिए देश का नुकसान कर रहे ट्रूडो 

पिछले काफी समय से कनाडा द्वारा भारत के प्रति अपनाई जा रही  विद्वेषपूर्ण भावना अब खुलकर दिखाई देने लगी है। भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा पर सीधे-सीधे आरोप लगाकर तो उसने हद ही कर दी, जिसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त वर्मा समेत अन्य ‘लक्षित’ अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाने की घोषणा कर दी।

साथ ही छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया है। पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हैरानी की बात यह है कि अपने आरोपों के समर्थन में कनाडा भारत को कोई सबूत उपलब्ध नहीं करा रहा है और इसके बावजूद चाहता है कि भारत अपने अधिकारियों पर उसे कार्रवाई करने दे।

अपने देश की नागरिकता रखने वाले एक आतंकवादी की मौत पर तो कनाडा भारत के साथ संबंध खराब करने के निम्नतम स्तर तक भी जाने में संकोच नहीं कर रहा है और चाहता है कि भारत बिना किसी सबूत के ही अपने राजनयिकों को निराधार छोड़ दे! भारत ने कनाडा की मांग को ठुकराते हुए अपने राजनयिकों को मिली डिप्लोमेटिक और कांसुलर इम्युनिटी हटाने से इंकार कर दिया है।

सोमवार को कनाडा के उच्चायुक्त को देश से निकालने की घोषणा के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि ट्रूडो सरकार ने भारतीय अधिकारियों के खिलाफ अपने आरोपों के समर्थन में भारत को ‘सबूत का एक टुकड़ा’ तक नहीं दिखाया था।

दरअसल ट्रूडो कनाडा में अक्तूबर 2025 में प्रस्तावित चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह सारी हरकतें कर रहे हैं, क्योंकि कनाडा में सिखों की आबादी करीब 2.1 फीसदी है और ट्रूडो को अपनी सरकार बनाने के लिए जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) का समर्थन लेना पड़ा था। इसीलिए भारत के बार-बार मांग करने के बावजूद उन्होंने भारत को वांछित सिख चरमपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है, उल्टे उन्हें बढ़ावा देते रहे हैं।

लेकिन ट्रूडो को शायद अंदाजा नहीं है कि उनका यह खतरनाक खेल एक दिन उनके देश पर ही भारी पड़ने वाला है, क्योंकि कहावत है कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वह खुद उसमें गिरता है। पाकिस्तान का उदाहरण सामने है, जो भारत में आतंकवाद फैलाने के चक्कर में खुद आतंकवादियों का शिकार हो रहा है।

ट्रूडो को समझना चाहिए कि चुनावी लाभ जैसे अपने राजनीतिक हितों के लिए वे अपने देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल रहे हैं और एक दिन उन्हें अपने देश में ही अलग खालिस्तान की मांग का सामना करना पड़ सकता है।

Web Title: Justin Trudeau is harming the country for his own selfishness

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