Israel Hamas War Update: गाजा में कैसे रुकेगी भयानक तबाही?, ‘फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार’ कर रहा इजराइल?
By शोभना जैन | Updated: September 19, 2025 05:21 IST2025-09-19T05:21:33+5:302025-09-19T05:21:33+5:30
Israel Hamas War Update: तमाम भर्त्सना के बावजूद इजराइल एक बार फिर वहां भीषण बमबारी और भयंकर खूनखराबा जारी रखे हुए है.

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Israel Hamas War Update: गाजा आज खंडहरों का शहर बन चुका है, लेकिन दुनिया के अधिकतर देशों में व्याप्त जनआक्रोश के बावजूद इजराइल वहां फिलिस्तीनियों के खिलाफ भारी बमबारी जारी रखे हुए है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया कि इजराइल गाजा में ‘फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार’ कर रहा है, लेकिन तमाम भर्त्सना के बावजूद इजराइल एक बार फिर वहां भीषण बमबारी और भयंकर खूनखराबा जारी रखे हुए है. बमबारी से बचने के लिए रिहाइशी इलाकों से फिलिस्तीनी इधर-उधर भाग रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे वहां का मानवीय संकट और भयावह हो जाएगा. सवाल यह है कि आखिर यह खून-खराबा कैसे थमेगा और विश्व समुदाय की इसमें क्या भूमिका होगी? विश्व के ताकतवर देशों ने इजराइल के खिलाफ कड़े कदम उठाने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं.
फ्रांस, इंग्लैंड सहित अनेक देशों द्वारा फिलिस्तीनी प्राधिकरण को मान्यता दिए जाने की उम्मीद है, वहीं यूरोपीय आयोग ने इजराइल के खिलाफ व्यापारिक प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है. लेकिन अमेरिका का वरदहस्त प्राप्त इजराइल पर इस सब का कोई असर होता नहीं दिख रहा है. संयुक्त राष्ट्र जांच आयोग स्वतंत्र है और आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व नहीं करता.
संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक इजराइल के खिलाफ ‘नरसंहार’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन उस पर ऐसा करने का दबाव बढ़ रहा है. पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80 वें अधिवेशन में पारित घोषणापत्र में इस मसले के समाधान के लिए द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के तहत समयबद्ध कदम उठाए जाने की बात कही गई.
घोषणापत्र में युद्ध समाप्त करने और गाजा में फिलिस्तीन प्राधिकरण की स्थापना की मांग की गई. भारत ने पिछले दो ऐसे प्रस्तावों पर हुए मतदान से गैरहाजिर होने के रवैये से हटते हुए इस बार इस घोषणा पत्र के समर्थन में वोट किया, जो कि निश्चय ही सराहनीय कदम है. सिर्फ उम्मीद ही की जा सकती है कि विश्व समुदाय के सामूहिक प्रयासों से गाजा में खून-खराबा रुकेगा,
क्योंकि ऐसी तबाही किसी के भी राष्ट्रीय हित में नहीं है और दुनिया की सुरक्षा के लिए भी सही नहीं है. भारत फिलिस्तीन का सदा समर्थक रहा है और इजराइल भी उसका मित्र राष्ट्र है. विश्व समुदाय और दोनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के जरिये इस खून-खराबे को रुकवाने में उसकी भूमिका भी अहम हो सकती है.