युद्ध, भुखमरी और मौत बन रहे गाजा की पहचान, क्या यह प्रक्रिया रुकेगी या गाजा की मृत्यु तक जारी रहेगी?
By रहीस सिंह | Updated: August 29, 2025 05:21 IST2025-08-29T05:21:01+5:302025-08-29T05:21:01+5:30
israel-hamas war: कई बार ये गोलियां सहायता स्थल के भीतर खड़े लोगों पर चलाई गईं, तो कई बार वे लोग निशाना बने जो भोजन या आटे के बोरे लेकर अपने घर लौट रहे थे.

सांकेतिक फोटो
israel-hamas war: ‘‘हम लगभग हर दिन उन फिलस्तीनियों पर गोलियां चलने के मामले देख रहे हैं, जो भोजन की तलाश में सहायता स्थलों तक पहुंचते हैं या वहां से लौटते हैं. मानवीय स्थिति पहले से ही गंभीर थी, हजारों फिलिस्तीनी मारे गए और लाखों विस्थापित हो चुके थे, लेकिन हाल के हफ्तों में इस तरह की गोलीबारी की घटनाओं ने संकट को और बढ़ा दिया है. कई बार ये गोलियां सहायता स्थल के भीतर खड़े लोगों पर चलाई गईं, तो कई बार वे लोग निशाना बने जो भोजन या आटे के बोरे लेकर अपने घर लौट रहे थे.’’
यह कहना है भुखमरी की व्यापकता के बीच, घेरे में फंसे गाजा के डॉक्टरों का. लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय संगठन गाजा के नागरिकों की कठिनाइयों के बारे में ‘झूठ’ फैला रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि गाजा त्रासदी के खंडहरों में तब्दील होता जा रहा है, क्या यह प्रक्रिया रुकेगी या गाजा की मृत्यु तक जारी रहेगी?
एक बात और, इजराइल को अपनी रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा अधिकार है लेकिन क्या वह गाजा की महिलाओं और बच्चों को मार कर हासिल हो सकती है? अब पत्रकार भी निशाना बनने लगे हैं जिन्हें इजराइली डिफेंस फोर्सेज हमास के ऑपरेटिव्स बताकर उचित ठहराना चाहते हैं. क्या यह नजरिया उचित है?
अंतिम प्रश्न यह कि क्या दुनिया ने अपनी आंखें यह मानकर मूंद ली हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा है या फिर उसकी आंखें खुली हैं और यह मान लिया गया है कि जंग में सब जायज है? 7 अक्तूबर 2023 को हमास ने जो हरकत की थी उसकी सजा उसे मिलनी ही चाहिए थी, मिली भी. हमास ही नहीं बल्कि जो संगठन अथवा देश उसकी मदद कर रहे थे,
इजराइली डिफेंस फोर्सेज ने उन्हें सबक सिखा दिया. इसी का परिणाम है कि हमास के सारे बड़े नेता मारे जा चुके हैं और जो शेष हैं वे केवल 10 से 15 प्रतिशत पॉकेट तक सिमटे हुए हैं, हिजबुल्ला निष्क्रिय है और ईरान ने अपने पैर पीछे खींच लिए हैं. इसलिए अब गाजा में इजराइली कार्रवाई एक अंतहीन, अराजक और सैन्य दृष्टि से निरर्थक स्थिति की ओर बढ़ रही है. हमास के बहाने गाजा के लोगों को मारना न्यायोचित नहीं हैं लेकिन जिन अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर युद्ध रुकवा कर समाधान निकालने की जिम्मेदारी है, वे पंगु से दिख रहे हैं.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य के अधिकारियों की मानें तो अक्तूबर 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से 60839 लोग सैन्य कार्रवाई में मारे जा चुके हैं और 72500 से ज्यादा घायल हुए. इन कार्रवाइयों में गाजा की 60 प्रतिशत से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और करीब 20 लाख लोग बेघर हुए जिनमें से अधिकांश गाजा पट्टी के केंद्र में ठूंस-ठूंस कर रखे गए हैं.
अब इजराइल गाजा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित व्यवस्था को भी दरकिनार कर रहा है. वह अपनी व्यवस्था स्थापित करना चाहता है. वह चाहता है कि आपूर्ति के लिए एक कॉरिडोर बने जिससे संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित व्यवस्था का लाभ हमास न उठा सके. यद्यपि संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के उपमहासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने चेतावनी दी है कि 22 महीने लंबे युद्ध के बाद यदि यह योजना लागू होती है,
तो वह गाजा में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट को और गहरा कर देगी. अंततः यह मौत व विनाश का कारण बनेगी. इसके बावजूद नेतन्याहू कह रहे हैं कि उनका कदम ‘आतंकवाद को खत्म करने की योजना का हिस्सा’ है. संदेश स्पष्ट है कि नेतन्याहू अब अंतरराष्ट्रीय सगठनों की बात नहीं मानेंगे. इसलिए कि वे गाजा पर कब्जा करना चाहते हैं, वह भी सुरक्षा के नाम पर.