पद गंवाने के पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था, ‘‘ मैं अंतिम गेंद तक लडूंगा’’. उन्होंने आखिरी बॉल खेली भी, मगर यह बॉल बाउंसर थी जो कैप्टन के सिर पर लगी. टेलीविजन में इमरान को प्रधानमंत्री हाउस से उनके निजी आवास बानी गाला ले जाते हुए हेलिकॉप्टर की टिमटिमाती लाइट दिखी. खेल खत्म हो चुका है और कप्तान अपनी टीम के साथ पैवेलियन लौट चुके हैं.
इमरान निश्चित रूप से शहरी युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं. महिलाओं के बीच तो उनकी लोकप्रियता बेमिसाल है. यहां तक कि अपने राजनीतिक विरोधियों के घरों तक उनकी लोकप्रियता पहुंच गई है. करिश्माई व्यक्तित्व, गौरवशाली क्रिकेट कैरियर और राजनीतिक बयानों का जादू उनके समर्थकों के सिर चढ़कर बोलता है.
इमरान निश्चित रूप से अपने देश के समकालीन राजनेताओं के बीच एक विशिष्ट राजनीतिक विरासत रखते हैं. उनके साथ परिवारवाद का इतिहास नहीं जुड़ा है और राजनीति की काली कोठरी में वह अब तक बेदाग हैं. वह देश की क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में रणनीतिक कुशलता के लिए जाने जाते हैं और देश में वह क्रिकेट के नायक के तौर पर लोकप्रिय हैं.
क्रिकेट के प्रति देश के जुनूनी मिजाज को देखते हुए इमरान ने चतुराई से अपने राजनीतिक बयानों में क्रिकेट के शब्दों को जोड़ा, जो बेहद लोकप्रिय हुए. इससे उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को भी अपने भाषणों में क्रिकेट शब्दावली का उपयोग करना पड़ा. अब देश के नेता अपने राजनीतिक बयानों में अंपायर, इनिंग, आउट, बॉल और विकेट जैसे शब्दों का प्रयोग करने लगे हैं.
इमरान को यह श्रेय जाता है कि वह राजनीतिक से दूरी बनाए रखने वाले शहरी युवाओं को राजनीति की मुख्यधारा में लाने में सफल रहे. उन्होंने राजनीति में नए-नए आए अपने युवा कार्यकर्ताओं को ‘यूथिया’ के नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया. वह संभ्रांत घरों की महिलाओं को भी घर से बाहर निकालकर राजनीतिक आंदोलनों से जोड़ने में सफल रहे.
ये महिलाएं इमरान की पार्टी के जलसों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगीं. उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों के प्रति युवाओं का सम्मान बढ़ाने के लिए आकर्षक पेशकश की. अपनी पार्टी के विरोध प्रदर्शनों को उन्होंने ‘लाइव कंसर्ट’ जैसा बना दिया. कई लोकप्रिय पाकिस्तानी गायक उनकी पार्टी में शामिल हुए. इमरान की राजनीतिक सभाओं में भरपूर मनोरंजन भी होता था. देश में मनोरंजन के प्रति बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता से बेचैन युवाओं के लिए इमरान की सभाएं मनोरंजन का साधन भी बन गई.
इमरान के इस वादे ने युवाओं के बीच जादू कर दिया कि वह पाकिस्तान को भ्रष्टाचारमुक्त कल्याणकारी राज्य बनाएंगे. जो नेता कभी सत्ता में नहीं रहा, उसके इस तरह के वादे अप्रत्याशित थे और वे युवाओं के बीच जादू सा काम कर गए. इमरान के तमाम राजनीतिक कदमों और वादों ने देश की राजनीति में जड़ता को तोड़ा. इमरान ने राजनीतिक आकाओं के प्रभुत्व को भी चुनौती दी. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने तथा दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के इमरान के वादों ने युवा पीढ़ी को चमत्कृत कर दिया.
अपने तमाम लुभावने वादों को पूरा करने में विफल रहने के कारण इमरान की लोकप्रियता में अपने शासन के अंतिम दौर में काफी गिरावट आई. बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी तथा कुप्रबंधन ने पाकिस्तानी जनता को निराश कर दिया. युवाओं का भी इमरान से मोहभंग हो गया. अपनी विफलता को भांपकर इमरान ने अपने विरुद्ध विदेशी साजिश का दांव खेला. उनका दावा था कि विदेशी ताकतें उन्हें झुकाना चाहती हैं. मगर वे देश की संप्रभुता के साथ समझौता कभी नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि वह महाशक्तियों के आगे नहीं झुकेंगे तथा देश को उपनिवेश नहीं बनने देंगे. इस बयान के जरिये इमराने ने युवाओं का दिल जीतने की कोशिश की है. जब वह आधी रात को राजनीतिक जोड़-तोड़ में लगे थे, युवतियों का इमरान समर्थक एक ऊर्जा से लबरेज समूह संसद भवन के सामने आया और नारेबाजी शुरू कर दी. सत्ता जाने के बाद अब इमरान देशवासियों से राष्ट्रहित की खातिर सड़कों पर उतरने की अपील कर रहे हैं.
सलाम डी.सामाजिक कार्यकर्ता व स्वतंत्र पत्रकार, पाकिस्तान