परमाणु जंग के खुलासे के पीछे ट्रम्प की चाल ?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 16, 2025 07:28 IST2025-07-16T07:28:38+5:302025-07-16T07:28:42+5:30

वैसे उनके दिल से यह दर्द पहले छलक चुका है कि मैं कितना भी कुछ कर लूं, ये मुझे नोबल पुरस्कार देने वाले नहीं हैं.

Donald Trump ploy behind revelation of nuclear war | परमाणु जंग के खुलासे के पीछे ट्रम्प की चाल ?

परमाणु जंग के खुलासे के पीछे ट्रम्प की चाल ?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में एक बात तो पूरी दुनिया मान कर चल रही है कि ये शख्स अपने को महान बताने के लिए कभी भी कुछ भी बोल सकता है. पूरी दुनिया की चिंता केवल इन्हीं को है और इन्हीं के हिसाब से दुनिया को चलना चाहिए! कहां जंग हो और कहां जंग की जरूरत नहीं है, यही तय करेंगे! कौन जंग करे और कौन जंग से दूर रहे, ये भी यही तय करेंगे! वैसे अमेरिकी रवैया हमेशा से यही रहा है लेकिन ट्रम्प बाकी के राष्ट्रपतियों की तुलना में थोड़ा ज्यादा बड़बोले हैं और उनकी हरकतें लोगों को आसानी से समझ में आ रही हैं.

उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति अमेरिका फर्स्ट का नारा भले ही नहीं देते थे लेकिन वास्तव में उनका हर कदम अमेरिका को शीर्ष पर रखने के लिए ही होता था. ट्रम्प उनसे इस मामले में अलग हैं कि वे अमेरिका फर्स्ट का शोर तो खूब मचा रहे हैं लेकिन हकीकत में वे खुद को अमेरिका से भी आगे मान कर चल रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि अमेरिकी हितों के अनुरूप दुनिया को वे सुधार कर ही दम लेंगे.

हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर इसलिए हुआ क्योंकि पाकिस्तान ने गुजारिश की थी. मगर यह सवाल अभी तक अनुत्तरित है कि भारत की घोषणा से पहले ही ट्रम्प ने घोषणा कैसे कर दी?

भारत को स्पष्ट कहना चाहिए था कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं लेकिन कूटनीति शायद इसकी इजाजत नहीं दे रही होगी! अब नाटो के महासचिव मार्क रूट के साथ बैठक में ट्रम्प ने नया शिगूफा छोड़ा है कि भारत और पाकिस्तान जिस तरह से आगे बढ़ रहे थे, अगले एक हफ्ते में ही उनके बीच परमाणु युद्ध छिड़ जाता. ट्रम्प का कहना है कि भारत और पाकिस्तान से उन्होंने कहा कि यदि वे जंग से पीछे नहीं हटते तो दोनों के साथ अमेरिका व्यापार बंद कर देगा. इसलिए दोनों पीछे हटे!

कितनी बचकानी बातें कर रहे हैं ट्रम्प! परमाणु हमला किसी भी जंग का सबसे अंतिम विकल्प होता है. भारत ने तो पहले ही कह रखा है कि कभी भी किसी पर भी परमाणु हमले की शुरुआत नहीं करेंगे और जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो उसे अच्छी तरह से पता है कि यदि उसने परमाणु हमला किया तो भारत उसका क्या हश्र करेगा! परमाणु जंग की हालत में भारत तो थोड़ा-बहुत बच भी जाएगा लेकिन पाकिस्तान का तो नामोनिशान खत्म हो जाएगा. इसलिए दोनों ही देशों के नेतृत्वकर्ताओं के दिमाग में भी परमाणु बम की बात नहीं आई होगी. ये ट्रम्प के दिमाग की उपज है और यह बात भी तय है कि उनके दिमाग में यह बात आई कहां से है. मगर ट्रम्प के दिमाग में आई इस बात की चर्चा से पहले इस पर गौर कर लीजिए कि ट्रम्प ने अब रूस को चेतावनी दी है कि पचास दिनों में जंग खत्म करे नहीं तो वे सख्त प्रतिबंध लगाएंगे.

ट्रम्प यह भूल रहे हैं कि अमेरिका पहले ही बहुत सारे प्रतिबंध रूस पर लगा चुका है लेकिन पुतिन अपने रास्ते चल रहे हैं. अमेरिका की रूस ने कब परवाह की है? पचास दिनों का समय भी ट्रम्प ने यह सोच कर दिया होगा कि शायद जंग समाप्त हो जाए और इसका श्रेय वे खुद ही लूट लें. दरअसल ट्रम्प का उद्देश्य ही श्रेय लूटना है. पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर यह कहते हुए चापलूसी की हद पार कर चुके हैं कि ट्रम्प को शांति का नोबल पुरस्कार मिलना चाहिए.

इसी तरह की बात इजराइल भी करता रहा है. कुछ दूसरे चापलूस भी मैदान में आ चुके हैं. इसलिए ट्रम्प को लग रहा होगा कि वे शांति का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने के हकदार हैं. वैसे उनके दिल से यह दर्द पहले छलक चुका है कि मैं कितना भी कुछ कर लूं, ये मुझे नोबल पुरस्कार देने वाले नहीं हैं. लेकिन कोशिश करते रहने में क्या हर्ज है. ट्रम्प खुद को शांति का मसीहा साबित करना चाहते हैं लेकिन सवाल है कि उनके सोचने से क्या होता है.

महत्वपूर्ण यह है कि दुनिया उनके बारे में क्या सोचती है. लेकिन ट्रम्प दुनिया की कहां सोचते हैं. वे केवल खुद के बारे में सोचते हैं. वे अमेरिका को वैसे ही चलाना चाह रहे हैं, जैसे अपना व्यापार चलाते रहे हैं. व्यापार चलाने और देश संभालने में बहुत फर्क होता है मि. ट्रम्प!

Web Title: Donald Trump ploy behind revelation of nuclear war

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