पाकिस्तान की फौज को दुनिया की सबसे ज्यादा भ्रष्ट फौज माना जाता है. पाकिस्तान का हर महत्वाकांक्षी नौजवान फौज में भर्ती होना चाहता है, क्योंकि वहां मूंछों पर ताव देकर रहना और पैसा बनाना सबसे आसान होता है. पाकिस्तान के लोग फौजियों का जरूरत से ज्यादा सम्मान करते हैं या उनसे बहुत ज्यादा डरते हैं, कहा नहीं जा सकता.
अब से लगभग 40 साल पहले जब मैं पहली बार पाकिस्तान गया तो रावलपिंडी में फौज के मुख्यालय के पास एक दुकान में किताबें खरीदने गया. मुझे देखते ही उस दुकान के मालिक और सारे कर्मचारी मुझे सैल्यूट मारने लगे, क्योंकि उन दिनों मैं सफारी सूट पहना करता था और मूंछें भी थोड़ी बड़ी रखता था. किताबें चुनने के बाद जब मैंने बिल मांगा तो मालिक बोला, सर आप कैसी बात कर रहे हैं? मैं किताबें आपकी कार में रखवा चुका हूं.
मैं पाकिस्तान के कई राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और बड़े उद्योगपतियों के घरों में भी गया हूं लेकिन जो ठाठ-बाट मैंने सेनापतियों और फौजियों के घरों में देखा, वैसा भारत के किसी फौजी के घर में नहीं देखा. इस वक्त जनरल कमर बाजवा पाकिस्तान के सेनापति हैं. उनकी कुल निजी संपत्ति लगभग 500 करोड़ रुपए की आंकी जा रही है.
इसका पता तो उनके खिलाफ प्रचार कर रही एक वेबसाइट ने दिया है. पाकिस्तान में फौज ने भारत का ऐसा भयंकर डर पैदा कर रखा है कि पाकिस्तानी जनता उसे अपना सर्वेसर्वा बनाने पर मजबूर हो जाती है. वह किसी भी बड़े फौजी को अपना तानाशाह स्वीकार कर लेती है. वह जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर और नवाज शरीफ जैसे लोकप्रिय नेताओं को जब चाहे कान पकड़कर बाहर कर देती है.
इतना ही नहीं, पाकिस्तान की फौज ने सत्ता के साथ पत्ता (नोट) को भी अपने काबू में ले लिया है. उसने लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए का कारोबार चला रखा है. उसमें बैंकिंग, मेडिकल सर्विसेज, खाद, बीज, तेल, पेट्रोल पंप, बिजली घर, एयरपोर्ट सर्विसेज आदि धंधे खोल रखे हैं. इन धंधों को फौजी ही चलाते हैं. पाकिस्तानियों के मन से जिस दिन भारत का भय निकल गया, उसी दिन से फौज अपनी पटरी पर चलने लगेगी. फौज पटरी पर चलने लगे तो पाकिस्तान भी भारत की तरह लोकतांत्रिक देश बन सकता है.