शोभना जैन का ब्लॉगः ब्रेक्जिट समझौते के बावजूद उलझी है गुत्थी  

By शोभना जैन | Published: October 19, 2019 11:59 AM2019-10-19T11:59:05+5:302019-10-19T11:59:05+5:30

तीन वर्ष पूर्व  23 जून 2016 में ब्रिटिश जनता ने जनमत संग्रह के जरिए 28 देशों के यूरोपीय संघ से 48 प्रतिशत के मुकाबले 52 प्रतिशत से अलग होने का जनादेश दिया था. ईयू में बने रहने के पक्षधर तत्कालीन प्रधानमंत्नी डेविड कैमरन इस फैसले से हतप्रभ रह गए और अगले ही दिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

Brexit: EU leaders approve Brexit deal as Boris Johnson looks to parliament | शोभना जैन का ब्लॉगः ब्रेक्जिट समझौते के बावजूद उलझी है गुत्थी  

File Photo

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के  वार्ताकारों के बीच बेहद चर्चित ब्रेक्जिट समझौते को ले कर पिछले तीन वर्ष से चल रही भारी माथा पच्ची, गहन मंत्नणा और ब्रिटेन में भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच ब्रिटिश संसद द्वारा समझौते को तीन बार खारिज किए जाने के बाद आखिरकार अब इन दोनों पक्षों के बीच ब्रेक्जिट समझौता हो गया है. 

लेकिन यूरोपीय संघ के नेताओं के शिखर सम्मेलन से कुछ ही घंटे पहले दोनों पक्षों में मुख्य शर्तो पर समझौता भले ही हो गया है, ब्रिटेन के प्रधानमंत्नी बोरिस जानसन के लिए समझौते को अमली जामा पहनाने की राह खासी मुश्किल लगती है. जानसन ने हालांकि कहा कि संसद को ब्रेक्जिट की मंजूरी दे देनी चाहिए ताकि सरकार रहन-सहन के खर्चे, एनएचएस, हिंसक अपराध और पर्यावरण जैसी दूसरी प्राथमिकताओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सके.

गौरतलब है कि तीन वर्ष पूर्व  23 जून 2016 में ब्रिटिश जनता ने जनमत संग्रह के जरिए 28 देशों के यूरोपीय संघ से 48 प्रतिशत के मुकाबले 52 प्रतिशत से अलग होने का जनादेश दिया था. ईयू में बने रहने के पक्षधर तत्कालीन प्रधानमंत्नी डेविड कैमरन इस फैसले से हतप्रभ रह गए और अगले ही दिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. उनके बाद आईं थेरेसा मे, जो कभी ब्रिटेन के ईयू में ही रहने के हक में थीं, उन्होंने भी समझौते के प्रारूप के संसद द्वारा तीन बार नामंजूर किए जाने के बाद आखिरकार इस्तीफा दे दिया.

 दरअसल समझौते में मुख्य पेंच ब्रिटेन के नॉर्दर्न आयरलैंड और यूरोपीय संघ के सदस्य आयरलैंड के बीच व्यापार के मुद्दों पर फंसा हुआ था. समझौते की घोषणा के तुरंत बाद आयरिश पक्ष ने कहा कि आयरलैंड की सीमा से जुड़े मुद्दे पर वह समझौते का समर्थन नहीं कर सकता है. इसे सुलझाने में वार्ताकारों को सबसे अधिक समय लगा. 

नॉर्दर्न आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) का कहना है कि सीमा शुल्क और सहमति के मुद्दे पर समझौते में जो कहा गया है, उसका वे समर्थन नहीं कर सकते हैं. इस समझौते के प्रावधानों के अनुसार ग्रेट ब्रिटेन और आयरिश द्वीप के बीच कस्टम सीमा होगी. इस समझौते के बाद आयरिश द्वीप दो अलग-अलग शासन व्यवस्था के तहत आ जाएगा, एक तो ब्रिटेन के तहत और दूसरा ईयू के तहत, जिस के मायने होंगे कि सीमा पर उत्पादों की चेकिंग जिसका उत्तरी आयरलैंड और रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड दोनों ही विरोध कर रहे हैं.

 इस अनिश्चय की स्थित में अगर विकल्पों की बात करें तो लगता है कि अब अगर सांसद इस समझौते को नामंजूर कर देते हैं तो जानसन ईयू से एक बार फिर समयावधि बढ़ा कर अगले वर्ष 31 जनवरी तक  करने के लिए कह सकते हैं, हालांकि वे बार-बार यही कहते रहे हैं कि वे ऐसा कतई नहीं करेंगे या फिर इसे एक तरफ कर देश में नए चुनाव करवाने पर जोर दे सकते हैं. इस स्थित में विपक्षी लेबर पार्टी का रुख भी अहम रहेगा.

Web Title: Brexit: EU leaders approve Brexit deal as Boris Johnson looks to parliament

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे